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क्या बहन भी एक्सीडेंट क्लेम की हकदार है? या केवल पत्नी-बच्चे और माता-पिता ही? क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट

अगर किसी व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत होती है और उसकी कमाई पर कोई भी भाई, बहन, दादा-दादी, पोता-पोती या अन्य कोई रिश्तेदार निर्भर था, तो वह भी मुआवजे के लिए दावा कर सकता है.

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अगर आपके घर का कमाने वाला सदस्य सड़क हादसे में चला जाता है, तो क्या सिर्फ पत्नी, बच्चे या माता-पिता ही मुआवजे के हकदार होंगे? सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर हाल ही में एक केस में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि 'कानूनी उत्तराधिकारी' (Legal Representative) की परिभाषा सिर्फ पति, पत्नी, माता-पिता या बच्चों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति किसी की आय पर निर्भर था, तो वह मुआवजा पाने का अधिकारी होगा, चाहे वह रिश्ते में कोई भी हो.

माता-पिता और बहन भी एक्सीडेंट क्लेम के हकदार!
अगर आपके घर का कमाने वाला सदस्य सड़क हादसे में चला जाता है, तो क्या सिर्फ पत्नी, बच्चे या माता-पिता ही मुआवजे के हकदार होंगे? सुप्रीम कोर्ट ने अब इस धारणा को बदल दिया है!

हाल ही में आए एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि 'कानूनी उत्तराधिकारी' (Legal Representative) की परिभाषा सिर्फ पति, पत्नी, माता-पिता या बच्चों तक सीमित नहीं होनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति किसी की आय पर निर्भर था, तो वह मुआवजा पाने का अधिकारी होगा, चाहे वह रिश्ते में कोई भी हो.

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क्या है मामला?
मध्य प्रदेश के 24 साल के युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई. उसके पिता और छोटी बहन ने मुआवजे के लिए दावा किया, लेकिन मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) और फिर हाईकोर्ट ने यह कहकर उनकी याचिका खारिज कर दी कि पिता उसके कमाने पर निर्भर नहीं थे और छोटी बहन का भी कोई हक नहीं बनता.

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने इस फैसले को पलट दिया और कहा कि अगर मृतक की कमाई से कोई व्यक्ति जीवन यापन कर रहा था, तो वह मुआवजा पाने का अधिकारी है.

कोर्ट ने क्यों बदला फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात SRTC बनाम रमनभाई प्रभातभाई (1987) और एन. जयश्री बनाम चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (2022) जैसे मामलों का हवाला दिया. कोर्ट ने कहा कि मुआवजे के लिए सिर्फ खून का रिश्ता नहीं, बल्कि आर्थिक निर्भरता भी मायने रखती है.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

  • "कानूनी उत्तराधिकारी की परिभाषा केवल माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चों तक सीमित नहीं है."
  • "अगर कोई मृतक की कमाई पर निर्भर था, तो उसे भी मुआवजा मिलना चाहिए."
  • "मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 166 के तहत हर वो व्यक्ति जो हादसे के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है, मुआवजा मांग सकता है."

अगर किसी व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत होती है और उसकी कमाई पर कोई भी भाई, बहन, दादा-दादी, पोता-पोती या अन्य कोई रिश्तेदार निर्भर था, तो वह भी मुआवजे के लिए दावा कर सकता है.