भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चार देशों के साथ छह समझौते किए हैं. इन समझौते के तहत इसरो अपनी वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इण्डिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ मिलकर विदेशी सैटेलाइट को पीएसएलवी के जरिए लॉन्च करेगा. केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह समझौता 1140 करोड़ से भी ज्यादा में हुआ है.
34 देशों के 342 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है ISRO
जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि इस समझौते से लगभग 13.2 करोड़ यूरो का राजस्व मिलेगा. उन्होंने कहा कि साल 1999 से अब तक इसरो कुल मिलाकर 34 देशों के 342 विदेशी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लॉन्च कर चुका है. विदेशी लॉन्च के जरिए इसरो ने पिछले तीन साल यानी 2019 से 2021 के बीच 10 मिलियन यूरो यानी 86.48 करोड़ रुपये कमाए हैं. जितने भी विदेशी सैटेलाइट्स इसरो ने अंतरिक्ष में लॉन्च किए हैं, उनमें से ज्यादातर अर्थ ऑब्जरवेशन, वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी प्रदर्शन के लिए थे.
भारत ने किए हैं सबसे ज्यादा अमेरिकी सैटेलाइट्स लॉन्च
भारत ने सबसे ज्यादा 226 अमेरिकी सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं. उसके बाद 12-12 इंग्लैंड और कनाडा, 11 जर्मनी और 8 सिंगापुर के सैटेलाइट्स शामिल हैं. इसके अलावा दर्जनों और देश हैं, जो 1 से लेकर पांच सैटेलाइट्स तक भारत के रॉकेट से अंतरिक्ष में लॉन्च करवा चुके हैं. इसरो पूरी दुनिया में सबसे सस्ते लॉन्च के लिए जा लॉन्च के लिए जाना जाता है. इसलिए छोटे और मध्यम आकार के सैटेलाइट्स को लॉन्च कराने के लिए दुनियाभर के देश भारत से संपर्क करते हैं.