भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) अपने कर्मियों को एक नई निहत्थे "आक्रामक" युद्ध तकनीक में प्रशिक्षित कर रही है. ताकि 2020 के गलवान संघर्ष जैसी स्थितियों में बेहतर कौशल हासिल करने के लिए हाथों, पैरों को हथियार बना कर दुश्मनों पर इस्तेमाल किया जा सके और दुश्मनों के हौसलों को पस्त किया जा सके. दुश्मनों को कैसे शिकस्त देनी है, कैसे उनपर हावी होना है? उनके इरादों को कैसे पस्त करना है? यह तैयारी आइटीबीपी के कमांडो की है. अगर दुश्मन आंख दिखाता है तो कैसे उसका जवाब देना है? यह तैयारी देश की रक्षा के लिए है.
कमांडो को मिल रही क्राव मागा की ट्रेनिंग
आइटीबीपी अपने कमांडो को इजराइली मार्शल ट्रेनिंग का प्रशिक्षण दे रही है. इसे "क्राव मागा" भी कहते हैं. उस यह इजराइली मार्शल आर्ट जूडो, कराटे, बॉक्सिंग और कुश्ती का समावेश है. इसकी लगभग 65 प्रकार की तकनीक है जिससे दुश्मनों के इरादों को पस्त किया जा सकता है. इसमें मार्शल आर्ट तकनीकों से लिए गए 15-20 अलग-अलग फाइट युद्धाभ्यास शामिल हैं, जिसमें पंचिंग, किकिंग, थ्रोइंग, जॉइंट लॉक और पिनिंग डाउन जैसी चालें शामिल हैं.
"क्राव मागा" के Instructor गजेंद्र सिंह ने गुड न्यूज टुडे से कुछ खास तकनीक के बारे में बताया है. आईटीबीपी लगभग 50 कमांडो को यह प्रशिक्षण दे रहा है जिससे आगे जा कर इसे दूसरे कमांडो को भी सिखाया जा सके.
रक्षात्मक और आक्रामक दोनों चालें शामिल
आइटीबीपी के आईजी ईश्वर सिंह दूहन ने Good News Today को खास बातचीत में बताया कि नई तकनीक में रक्षात्मक और आक्रामक दोनों चालें शामिल हैं. दूहन ने बताया कि ये युद्ध कौशल प्रतिद्वंद्वी को गतिहीन बना देगा और उन्हें अक्षम भी कर सकता है. बता दें, आईटीबीपी के लगभग 98,000 कर्मियों को लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चलने वाली 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी की रक्षा कर रही है.