भारत का राष्ट्रीय गान, 'जन गण मन', हर एक भारतीय के लिए बहुत अहम और खास है. यह हमारी अस्मिता, सम्मान और गर्व का प्रतीक है. जब भी कहीं राष्ट्रीय गान चलता है या गाया जाता है मन गर्व से भर जाता है.
आपको बता दें कि साल 1950 में आज ही के दिन जन गण मन को ऑफिशियली राष्ट्र गान के रूप में अपनाया गया था. आज हम आपको बता रहें हैं हमारे राष्ट्रगान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें.
रवींद्रनाथ टैगोर ने दिया National Anthem
हमारा राष्ट्रीय गान कवि और नाटककार, रवींद्रनाथ टैगोर के लेखन से लिया गया है. भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियां रवींद्रनाथ टैगोर के गीत 'भारतो भाग्य बिधाता' से ली गई हैं. इसे मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था और पूरे गीत में 5 छंद हैं. यह पहली बार 1905 में तत्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था.
1911 में, 27 दिसंबर को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा आयोजित अधिवेशन में पहली बार खुद टैगोर ने इस पब्लिक में गाया था. 28 फरवरी, 1919 को टैगोर ने इस पूरे बंगाली गीत को इंग्लिश में ट्रांसलेट किया, और इसे 'द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया' शीर्षक दिया. यह ट्रांसलेशन टैगोर ने मदनापल्ले में बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज के डॉ. कजिन्स के अनुरोध पर किया था.
1950 में बना देश का राष्ट्रीय गान
इस पूरे गीत को कंपोज करने का श्रेय टैगोर को ही जाता है. रवींद्रनाथ के पौत्र, दिनेंद्रनाथ टैगोर, जो खुद एक महान संगीतकार थे, ने उनकी इस काम में मदद की थी. 1942 में जर्मनी में हैम्बर्ग रेडियो सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ने भी इसे गाया था.
24 जनवरी 1950 को (26 तारीख को भारत के पहले गणतंत्र दिवस से पहले), टैगोर के "भारतो भाग्यो बिधाता" के पहले छंद को आधिकारिक तौर पर भारत की संविधान सभा द्वारा भारत का राष्ट्रगान घोषित किया गया था. बताया जाता है कि राष्ट्रगान के चयन में सुभाष चंद्र बोस की अहम भूमिका थी.