अगर आपसे पूछा जाए कि आपको कितने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने आते हैं, तो आप शायद एक, दो, तीन, चार, पांच कुछ इतना ही बताएंगे. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होंगे शायद जिन्हें कोई भी इंस्ट्रूमेंट बजाना नहीं आता होगा. लेकिन अगर आपको पता चले कि एक शख्स दो-चार नहीं बल्कि पूरे 61 वाद्य यंत्र बजा लेता है तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हां, इस असंभव से लगने वाले काम को कर दिखाया है झालावाड़ के रहने वाले सौरभ सोनी ने. जिन्होंने 61 म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाकर रिकॉर्ड बनाया है.
झालावाड़ जिले के छोटे से कस्बे के रहने वाले संगीतज्ञ सौरभ सोनी ने एशिया और इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड में 61 वाद्य यंत्र बजाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. सौरभ सोनी को 137 म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना आता है. अब सौरभ सोनी संगीत के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवाना चाहते हैं और इसके लिए वो प्रयास कर रहे हैं. सौरभ सोनी ने 4 जनवरी 2022 को 61 वाद्य यंत्र बजाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया. 26 जनवरी 2022 को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र जिला कलक्टर झालावाड़ डॉ. भारती दीक्षित ने उन्हें एक जिला स्तरीय समारोह में दिया.
पांच साल की उम्र से बजा रहे हैं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट
सौरभ सोनी का जन्म 10 अक्टूबर 1996 को झालावाड़ के डग कस्बे में हुआ था. उनके पिता अशोक सोनी खुद एक संगीतज्ञ और कवि हैं. माता-पिता दोनों के नेत्रहीन होने के कारण सौरभ का बचपन कष्टपूर्ण रहा. संगीतज्ञ पिता अशोक सोनी ने अपने पुत्र सौरभ को पांच साल की अल्पायु से ही हारमोनियम, ढोलक, मंजरी, मंजीरा, बांसुरी जैसे कई वाद्य यंत्र बजाने की शिक्षा देना प्रारम्भ कर दिया था. शिष्य ने गुरू को निराश नहीं किया. सौरभ ने दस-दस घंटे वाद्य यंत्र बजाने का अभ्यास कर अपने पिता और परिवार को अपनी काबिलियत साबित कर दी. अशोक सोनी को अपने पुत्र में संगीत की प्रतिभा नजर आई. उन्होंने अपने बेटे को संगीत शिक्षा के लिए झालावाड़ के राजकीय संगीत विद्यालय में दाखिला करा दिया.
संगीत विद्यालय की रिटायर टीचर ने दी मुफ्त शिक्षा
यहां सौरभ को गुरू भंवरलाल वर्मा और सुगम संगीत के ज्ञाता भूपेन्द्र सिखरवाल ने संगीत की शिक्षा दी. उनका अभ्यास, संगीत में रूचि और प्रतिभा देखकर संगीत विद्यालय की सेवानिवृत शिक्षिका श्रीमती आशा सक्सेना काफी प्रभावित हुई. आशा सक्सेना को भी सौरभ सोनी जैसे ही लगनशील शिष्य की तलाश थी. उन्होंने सौरभ सोनी को संगीत शिक्षा देने का आग्रह किया. सौरभ गुरू की फीस देने में असमर्थ होने के कारण इस आग्रह को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन जब आशा सक्सेना ने निःशुल्क शिक्षा देने का आग्रह किया, तो सौरभ सोनी ने तत्काल हामी भर दी.
16 साल की उम्र से सौरभ संगीत शिक्षा दे रहे हैं
सौरभ ने संगीत विशारद की पंचवर्षीय डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने शुरू के दो साल की शास्त्रीय संगीत की शिक्षा गुरू भंवरलाल से और शेष तीन साल की शिक्षा आशा सक्सेना से प्राप्त की. सौरभ बताते है कि उन्हें संगीत सिखने का ऐसा जुनून था कि उन्होंने भूखे प्यास रहकर, चौखट पर बैठकर भी संगीत की साधना की है. सौरभ ने जल्द ही अपनी प्रतिभा से जिले में सभी संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया. सौरभ ने मात्र 16 साल की अल्पायु में न सिर्फ संगीत का अभ्यास किया है बल्कि संगीत का प्रसार करने के लिए संगीत शिक्षा देना भी प्रारम्भ कर दिया. वर्तमान में सौरभ सोनी झालावाड़ के लेसिया स्कूल में संगीत के शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं.
61 इंस्ट्रूमेंट बजा लेते हैं
प्रतिभाशाली सौरभ को जी राजस्थान के पापुलर शो टैलेन्ट हंट, जिले, प्रांत और राष्ट्रीय स्तरीय संगीत कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका निभाने का अवसर भी प्राप्त हुआ है. करीब 4 महीने पहले सौरभ को एक यूटूयब पर संगीत वाद्य यंत्र बजाने का वीडियो देखकर पता चला कि 27 तरह के वाद्य यंत्र बजाकर यूएई के ईवन जार्ज ने साल 2013 में विश्व रिकॉर्ड बनाया था. मात्र 27 वाद्य यंत्र बजाकर विश्व रिकॉर्ड, उससे कहीं अधिक तो वे आसानी से बजा लेते है. उन्होंने अपने बजाए हुए वाद्य यंत्र की गणना की.
सौरभ सोनी जलतंरग, पेडल मटका, हारमोनियम, जाइलोफोन, बेन्जो, तबला, गिटार, तम्बूरा, रावण हत्ता, भपंग, दिलरूबा, सितार, तानपूरा, स्वर सरंगम, करताल, ढफली, माउथआर्गन, कबाकस, पेन क्लूर, एकतारा, बिगुल, मंजीरा, डमरू, मेलोडीका, सिममबल, रिर्कोडर, बाँसुरी, काजू, चिपिया, मोरचंग, फ्रोग, यूकेरिना, वाईलियन, ट्राईगेल, इकटूकी, गोपीचन्द, अलगोजा, यूकेलेले, सारंगी, ढोलक, हैप्पीड्रम, भागंडा ढोल, की-बोर्ड, केजोन, ढोल, पेड, कोम्बो, कलिंबा, बुल-बुल तरंग, हारमोनिका, फ्लूट, हवाईन गीयर, धरम, फूट पैडल, किनारी, स्नेयर, जाम्बेद, क्लाडलेड, शंकर, बीन समेत 61 इंस्ट्रूमेंट बजा लेते हैं.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज
उन्होंने 29 दिसंबर 2021 को लेडी अनुसूईया सिंघानिया एजुकेशनल एकेडमी झालावाड़ से ऑनलाइन इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए क्लेम किया. जिसकी स्वीकृति सौरभ सोनी को 4 जनवरी और प्रमाण पत्र 25 जनवरी 2022 को मिला. रिकॉर्ड बनाकर सौरभ ने न सिर्फ अपने जिले और प्रदेश का बल्कि देश का पूरे एशिया में नाम रौशन किया है.
(फिरोज अहमद खान की रिपोर्ट)