उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है. इसे अब वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. ये पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में किसी स्टेशन का नाम बदला गया हो.
पहले भी बदले गए हैं नाम
पहले भी कई स्टेशनों का नाम बदला जा चुका है. जैसे मुगलसराय का पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, फैजाबाद का अयोध्या छावनी, इलाहाबाद का प्रयागराज नाम किया जा चुका है. पिछले दिनों मध्य प्रदेश में हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति कर दिया गया था. तो ये स्टेशन का नाम कैसे और क्यों बदला जाता है? इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है? आइये समझते हैं...
सबसे पहले आपको ये बता दें कि राज्य सरकारें लंबे समय से चली आ रही लोकप्रिय मांग या किसी बड़े आइकॉन के आसपास चीजों को मोड़ने के लिए यह फैसला करती है. यह कहा जा सकता है कि राजनीति के लिए ऐसा किया जाता है.
ये है पूरी प्रक्रिया-
रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने की आसान कागजी प्रक्रिया है. नाम बदलने के लिए लोकसभा या विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराने की जरूरत नहीं पड़ती. कागजी प्रक्रिया में जो वक्त लग जाए. इसके लिए कुछ और नहीं करना पड़ता.