त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को सौंप दिया है. इसके बाद बिप्लब देब ने कहा कि पार्टी का फैसला सर्वोपरि है. शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. अगले साल त्रिपुरा में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बीजेपी नए चेहरे के साथ चुनाव में जाना चाहती है.
बिप्लब ने क्यों दिया इस्तीफा-
बताया जा रहा है कि बिप्लब देब की संगठन से बन नहीं रही थी. उनको लेकर संगठन स्तर पर नाराजगी चल रही थी. दो विधायकों ने पार्टी छोड़ दिया था. इसके बाद उनपर इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा. साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि बिप्लब देब को संगटन में भेजा जा सकता है.
25 साल की CPM सरकार को उखाड़ फेंका था-
त्रिपुरा में 25 साल से सीपीएम की सरकार थी. बीजेपी ने दो तिहाई जीत के साथ 2018 चुनाव में सीपीएम को सत्ता से बेदखल किया था. उस वक्त त्रिपुरा बीजेपी की कमान बिप्लब देब के हाथ में थी. इस जीत में बिप्लब देब की बड़ी भूमिका मानी गई थी. कहा गया कि पीएम मोदी और अमित शाह की रैलियों के पीछे रहकर बिप्लब ने संगठन को मजबूत किया. पार्टी ने भी उनको निराश नहीं किया. सरकार बनने के बाद बिप्लब देब को सीएम बनाया गया.
जिम में ट्रेनर थे बिप्लब देव-
बिप्लब कुमार देब साल 1999 में त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट किया है. उसके बाद वो दिल्ली चले गए. दिल्ली में बिप्लब ने एक जिम में ट्रेनर का काम किया. इसी दौरान बीजेपी से उनकी नजदीकियां बढ़ी. बिप्लब का त्रिपुरा के बीजेपी प्रभारी सुनील देवधर से संपर्क हुआ और वो प्रदेश में पार्टी को खड़ा करने के लिए काम करने लगे. हालांकि बिप्लब पहले से आरएसएस से जुड़ थे. वो एन. गोविंदाचार्य के साथ काम कर चुके हैं. साल 2018 विधानसभा चुनाव में देब पहली बार बनामालीपुर सीट से विधायक बने और मुख्यमंत्री बन गए. बिप्लब के साफ छवि के नेता हैं. उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा नहीं है. बिप्लब देब की पत्नी दिल्ली में बैंक में काम करती हैं.
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