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'अब जज को नहीं बोलेंगे मी लॉर्ड या योर लॉर्डशिप'... Allahabad High Court Bar एसोसिएशन ने लिया फैसला, जानें पूरा मामला

अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बैठक कर बुधवार को चीफ जस्टिस और कई सीनियर जजेस के सामने अपनी बातें रखीं, लेकिन वो बैठक विफल रही. उसके बाद अभी भी हड़ताल जारी है.

Allahabad High Court Allahabad High Court
हाइलाइट्स
  • जज को कहेंगे सर 

  • कामकाज भी पड़ा है ठप  

यूपी के प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिछले दो दिनों से चल रही वकीलों की हड़ताल अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है. दरअसल पिछले दो दिनों से अपनी कई मांगों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अब जजेस को माई लार्ड या योर लॉर्डशिप न कहने का फैसला लिया है. उन्होंने अब जज को सर कहने का फैसला किया है. बार एसोसिएशन के आह्वान पर हाईकोर्ट के वकील दो दिनों से न्यायिक कार्य से पूरी तरह हड़ताल पर है. 

यही नहीं अपनी हड़ताल को वकीलों ने शुक्रवार को भी जारी रखने का फैसला किया है. अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बैठक कर बुधवार को चीफ जस्टिस और कई सीनियर जजेस के सामने अपनी बातें रखीं, लेकिन वो बैठक विफल रही. उसके बाद अभी भी हड़ताल जारी है. लेकिन अब ये हड़ताल पूरी तरह बार एसोसिएशन वर्सेज जजेस के बीच हो गई है. जजों के व्यवहार व मनमानी सुनवाई प्रक्रिया के खिलाफ बार एसोसिएशन लामबंद हो गया है.

जज को कहेंगे सर 
जजों को माई लार्ड या योर लार्डशिप का संबोधन करने से परहेज का प्रस्ताव भी पारित किया गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि जजेस भगवान बनने से पीछे हटे और आम इंसान बनकर न्याय करें. बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि वकीलों से गुजारिश कर जजेस को 'माय लार्ड' न कहने का प्रस्ताव रखेंगे और जजेस को 'सर' कहकर संबोधित करने की अधिवक्ता समाज से अपील करेगा. इसके लिए बार ने लेटर जारी कर दिया है.

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2 दिन से चल रही है हड़ताल  
2 दिन से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. अब बार सरकारी और प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर सख्त होता दिख रहा है. बार ने यह भी कहा है कि कोई भी बार एसोसिएशन का वकील कार्य बहिष्कार के दौरान अगर केस में फिजिकल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहस करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ एक्शन होगा और उसकी सदस्यता भी खत्म की जाएगी.  हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने लेटर भेजकर सरकारी वकीलों को भी कोर्ट में नहीं जाने को कहा है. 

कामकाज भी पड़ा है ठप  
कोर्ट में मिलने वाले सरकारी वकीलों के साथ प्राइवेट वकीलों से भी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कारण बताओ नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा है. गुरुवार को भी हाईकोर्ट परिसर में आने वाले वकीलों की निगरानी की गई ताकि कोई भी वकील चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी, किसी भी केस में बहस करने के लिए कोर्ट में हाजिर न हो सके. बार एसोसिएशन की इस सख्ती के चलते किसी भी कोर्ट में न्यायिक कामकाज नहीं हो पा रहा है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी के सभी शहरों से पैरवी के लिए लोग पहुंचते है और तारीख नहीं लगने और सुनवाई नहीं होने से लोग परेशान हैं. वकीलों के कार्य बहिष्कार के बाद भी जज अपने-अपने कोर्ट में बैठे, लेकिन वकीलों की अनुपस्थिति के चलते वह अपने-अपने चैम्बरों में वापस चले गए. वकील अपनी मांगों को लेकर पिछले 2 दिन से हड़ताल पर हैं. उनका कहना है कि कोर्ट में वकीलों से दुर्व्यवहार होता है. कोर्ट के कामकाज में परेशानी खत्म होनी चाहिए. 

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कुछ मुद्दों और मांगो के चलते हड़ताल पर है. इसमें वकीलों के साथ दुर्व्यवहार, मुकदमों को रिवाइज करने की पुरानी पद्धति को न मानना, हाई कोर्ट रूल्स में बिना संशोधन मनमाने ढंग से फाइलिंग व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया में बदलाव करना और एडवोकेट रोल से संबंधित मांगे गए डेटा को देने से इनकार करना शमिल है. इन्हीं मुद्दों के चलते हाईकोर्ट में गतिरोध और हड़ताल जारी है.

(आनंद राज की रिपोर्ट)