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'स्किन टू स्किन टच' मामले में विवादित फैसला देने वाली जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने रिटायरमेंट से एक दिन पहले दिया इस्तीफा, जानिए कारण

'स्किन टू स्किन टच मामले' में विवादित फैसला देने वाली बॉम्बे हाइकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने इस्तीफा दे दिया है. पुष्पा वर्तमान में नागपुर बेंच की अध्यक्षता कर रही थीं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गनेडीवाला ने अतिरिक्त न्यायधीश के तौर पर अपना कार्यकाल समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले इस्तीफा देने का फैसला किया क्योंकि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा न तो कोई विस्तार और न ही कोई प्रमोशन दिया गया था.

Justice Pushpa Ganediwala Justice Pushpa Ganediwala
हाइलाइट्स
  • 'स्किन टू स्किन टच' मामले में दिया था विवादित फैसला

  • प्रमोशन न मिलने से थी नाराज

स्किन टू स्किन टच मामले में विवादित फैसला देने वाली बॉम्बे हाइकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने इस्तीफा दे दिया है. पुष्पा वर्तमान में नागपुर बेंच की अध्यक्षता कर रही थीं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गनेडीवाला ने अतिरिक्त न्यायधीश के तौर पर अपना कार्यकाल समाप्त होने से ठीक एक दिन पहले इस्तीफा देने का फैसला किया क्योंकि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा न तो कोई विस्तार और न ही कोई प्रमोशन दिया गया था. वह 2007 में जिला न्यायाधीश बनीं थी और 13 फरवरी, 2019 को दो साल के लिए बॉम्बे हाइकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया था.

इन फैसलों की वजह से हुई थी आलोचना 
12 साल की लड़की के साथ यौन अपराध मामले में आरोपी को बरी करते हुए जस्टिस गनेडीवाला ने कहा था कि स्किन-टू-स्किन संपर्क में आए बिना किसी को छूना POCSO एक्ट के तहत यौन हमला नहीं माना जाएगा. यही नहीं, 5 साल की बच्ची का हाथ पकड़ने और पैंट खोलने को भी जस्टिस गनेडीवाला ने यौन उत्पीड़न नहीं माना था। ये फैसला 19 जनवरी 2020 को दिया गया था. वहीं एक अन्य मामले में उन्होंने पत्नी से पैसे की मांग करने को उत्पीड़न करार नहीं दिया था. साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी को रिहा कर दिया था. 

रोक दिया था प्रमोशन
जनवरी और फरवरी 2021 में दिए गए विवादित फैसले के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति गनेडीवाला को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अपनी सिफारिश वापस ले ली थी और इसके बजाय अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया था. पुष्पा गनेडीवाला का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो रहा है.

प्रमोशन न मिलने से थी नाराज
इसका मतलब यह था कि न्यायमूर्ति गनेडीवाला को 12 फरवरी, 2022 को उनके अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में जिला सत्र न्यायाधीश के रूप में वापस जिला न्यायपालिका में पदावनत किया जाएगा. न्यायमूर्ति गनेडीवाला को इस वजह से न तो अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल में विस्तार मिला और न ही उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.