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क्या है NSG का K-9 Squad, जो G20 Summit के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का है अहम हिस्सा

NSG K-9 Squad: जी20 समिट की सुरक्षा के लिए एनएसजी के के-9 स्क्वाड को तैनात किया गया है. इस यूनिट के 20 डॉग्स सम्मेलन स्थल के आसपास विशेष सुरक्षा घेरा बनाएंगे. इस यूनिट में लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल डॉग्स शामिल हैं.

जी20 समिट के दौरान एनएसजी के K-9 पर सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी है (प्रतिकात्मक तस्वीर) जी20 समिट के दौरान एनएसजी के K-9 पर सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी है (प्रतिकात्मक तस्वीर)

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए जोरशोर से तैयारी चल रही है. सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद की जा रही है. राष्ट्राध्यक्षों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. देश में पहली बार आयोजित हो रहे इतने बड़े ग्लोबल सम्मेलन के लिए एनएसजी के K-9 स्क्वाड को बुलाया गया है. K-9 स्क्वाड जी20 सम्मेलन स्थल के आसपास विशेष सुरक्षा घेरा बनाएगा. विशेष तौर पर ट्रेंड किए गए के-9 के 20 मेंबर पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इस डॉग यूनिट को राजघाट, आईटीपीओ और पूसा कैंपस जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया जाएगा.

क्या है K-9 स्क्वाड की टीम-
एनएसजी के K-9 स्क्वाड ड्रॉग्स की एक स्पेशल टीम होती है, जिनको विशेष तौर पर ट्रेंड किया जाता है. ये डॉग यूनिट सूंघकर तुरंत किसी भी छिपे हुए विस्फोटक पदार्थ का पता लगा सकते हैं. इसमें लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल शामिल हैं.

K-9 यूनिट को दी गई विशेष ट्रेनिंग-
K-9 यूनिट को मानेसर के एनएसजी सेंटर में ट्रेनिंग दी जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिट के ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट कर्नल राज भरत शर्मा ने बताया कि आयोजन स्थल पर बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग के लिए डॉग्स को ट्रेनिंग दी गई है. इन डॉग्स को जैमिंग तकनीक में भी ट्रेनिंग दी गई है, जो विस्फोटक उपकरणों के बारे में पता लगाने की काम आएगी. एक और अधिकारी ने बताया कि ये ट्रेंड डॉग्स संदिग्धों से हथियार भी छीन सकते हैं और हैंडलर तक पहुंचा सकते हैं.

क्या कर सकते हैं K-9 के डॉग्स-
आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एनएसजी ने डॉग्स को बम सूंघने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई नियम लागू किए हैं. पिछले एक साल में उनको विभिन्न घरेलू और नई विस्फोटक सामग्रियों के साथ ट्रेनिंग किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि के-9 के डॉग्स को एडवांस्ड विस्फोटक सिस्टम्स के साथ जैविक और रासायनिक पदार्थों का पता लगाने के लिए भी ट्रेंड किया जाता है. इसमें ऊंचाई पर स्थित वस्तुओं के अलावा गहराई में दबी वस्तुओं का पता लगाने की क्षमता होती है.
जी20 समिट के दौरान डॉग्स गाड़ियों की स्क्रीनिंग भी करेंगे. आयोजन स्थल की टोह लेंगे और टेक्टिकल रिमोट ट्रैकिंग भी करेंगे. के-9 डॉग्स को युद्ध के लिए भी ट्रेंड किया जाता है.
चाहे पहाड़ हो या जंगल हो या क्रंक्रीट हो, के-9 के डॉग्स किसी भी इलाके में नेविगेट कर सकते हैं. जी20 की सुरक्षा के लिए उनको शहरी युद्ध के लिए ट्रेंड किया गया है. 

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