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उम्र नहीं है दायरा! 95 और 87 साल की उम्र में इन भाईयों ने जीती ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप, अब विदेश जाने की कर रहें हैं तैयारी

कर्नाटक के कोडगु जिले के कुट्टंडी गांव के निवासी पलेकंडा पी बोपैया (94) और पलेकंडा बेलियप्पा (85) ने हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित पैन इंडिया मास्टर गेम्स में हिस्सा लिया और तीन गोल्ड मेडल और दो सिल्वर मेडल जीते हैं.

पलेकंडा पी बोपैया (94) और पलेकंडा बेलियप्पा (85) पलेकंडा पी बोपैया (94) और पलेकंडा बेलियप्पा (85)
हाइलाइट्स
  • पैन इंडिया मास्टर गेम्स में जीते कई मेडल

  • बचपन से ही खेल का जुनून था

"उम्र को अगर हराना है तो शौक़ ज़िंदा रखिये, घुटने चले या न चलें, मन उड़ता परिंदा रखिये." कहते हैं कि उम्र महज एक आंकड़ा है. अगर मन में कुछ करने की इच्छा हो तो उम्र कभी भी आपके लिए रुकावट नहीं बनेगी. इस बात को सही साबित किया कर्नाटक के कोडागु के दो भाइयों ने जिन्होंने देश भर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपने जिले और राज्य का नाम रोशन किया है. 

पैन इंडिया मास्टर गेम्स में जीते कई मेडल
कोडगु जिले के कुट्टंडी गांव के निवासी 94 साल के पलेकंडा पी बोपैया (Palekanda P Bopaiah)और 85 साल के पलेकंडा बेलियप्पा (Palekanda Beliappa) की नजर अब अगले साल सिडनी और जापान में होने वाली ट्रैक एंड फील्ड चैंपियनशिप में भाग लेने पर है. इन भाईयों ने हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित पैन इंडिया मास्टर गेम्स में हिस्सा लिया और तीन गोल्ड मेडल और दो सिल्वर मेडल जीते. जैवलिन थ्रो, रिले रेस, 1500 मीटर रेस, वॉकथॉन, 100 मीटर रेस में भाग लेकर ऑलराउंडर बन गए हैं.

बचपन से ही खेल का जुनून था
मीडिया से हुई बातचीत में बेलियप्पा ने कहा, "हम दोनों अपने गाँव में साथ रहते हैं. मुझमें बचपन से ही खेलने का जुनून रहा है. जब मैं छोटा था तब मेरे स्कूल के साथी एथलेटिक कॉम्पीटीशन में मेरी स्पीड की बराबरी नहीं कर सकते थे. मेरा बड़ा भाई सेना से सेवानिवृत्त हो चुका है. हम दोनों ने तीन साल पहले खेल के मैदान में दोबारा से उतरने का फैसला किया और हमने तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा."

अब सिडनी और जापान की चैंपियनशिप में भाग लेंगे दोनों भाई
इन दोनों भाइयों ने कोडागु में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मास्टर गेम्स एसोसिएशन भी स्थापित किया है और अब ये वरिष्ठ नागरिकों को इसका सदस्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं. बेलियप्पा का कहना है कि, "वरिष्ठ नागरिक के रूप में खेल चैंपियनशिप में मेरी पहली भागीदारी वडोदरा में थी. मैंने नेशनल मास्टर्स गेम में तीसरा स्थान जीता. तब से, मैं देश भर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित होने वाली सभी चैंपियनशिप में भाग लेता हूं. मैं और मेरा भाई दोनों अब अगले साल सिडनी और जापान में होने वाली एथलेटिक चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं. हालांकि, दोनों को अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए कम से कम 2 से 3 लाख रुपये के फंड की जरूरत है और स्पॉन्सरशिप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं."