केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 80 साल से ज्यादा के लोगों और दिव्यांगों को घर से मतदान करने की सुविधा दी है. यह फैसला आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है. जहां कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों में वोट फ्रॉम होम की सुविधा मिलेगी. राज्य में 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 12.15 लाख और 5.55 लाख दिव्यांग मतदाता हैं.
टीम फॉर्म-12डी लेकर घर जाएगी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि बुजुर्गों के मताधिकार के लिए इसके लिए हमारी टीमें फॉर्म-12डी लेकर उनके घर जाएंगी. पहली बार 80 साल से ज्यादा उम्र वालों को यह सुविधा दिया जाएगा. मतदान के दौरान गोपनीयता बरती जाएगी और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी.
दिव्यांगों के लिए 'सक्षम' ऐप
चुनाव आयुक्त ने कहा, दिव्यांगों के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन 'सक्षम' शुरू किया गया है. इसमें वे लॉग इन कर मतदान देने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.
उम्मीदवारों के लिए भी नया मोबाइल ऐप
एक अन्य मोबाइल ऐप ‘सुविधा’ विकसित की गई है, जो उम्मीदवारों के लिए नामांकन और शपथ पत्र दाखिल करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल है. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार बैठकों और रैलियों की अनुमति लेने के लिए ‘सुविधा’ पोर्टल का भी उपयोग कर सकते हैं.
आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को टिकट क्यों दिया, बताना होगा
ईसीआई ने मतदाताओं के लिए नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) नामक एक अभियान भी शुरू किया है. इसमें राजनीतिक दलों को अपने पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मतदाताओं को बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया.
कुल मतदाताओं की संख्या 5.21 करोड़
224 निर्वाचन क्षेत्रों वाले कर्नाटक राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 36 सीटें और अनुसूचित जनजाति के लिए 15 सीटें आरक्षित हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 5.21 करोड़ है.
24 मई 2023 से पहले कराया जाना है चुनाव
चुनाव की संभावित तिथि के बारे में पूछे जाने पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह 24 मई 2023 से पहले चुनाव कराया जाना है. कर्नाटक में कितने चरणों में चुनाव होंगे. इस पर उन्होंने कहा कि यह आयोग का विशेषाधिकार है और यह सुरक्षा बलों की उपलब्धता, परीक्षा और त्योहारों जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है. उन्होंने चुनाव के दौरान पक्षपात करने वाले अधिकारियों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि बैंकों को निर्देश दिया गया है कि किसी तरह से चुनाव के दौरान धन बल का दुरुपयोग न हो. यह सुनिश्चित करने के लिए बैंक अपनी प्रणाली के माध्यम से निगरानी रखें.