कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है. कांग्रेस 138 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी को चारों खाने चित कर दिया है. इतनी बड़ी जीत के बाद अब कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री चेहरा चुनने की चुनौती है. आपको बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव में किसी को सीएम चेहरा नहीं बनाया था. कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर इस बार चुनाव में उतरी थी और इतना बड़ा बहुमत मिला है. कर्नाटक में कांग्रेस के पास कई बड़े लीडर हैं. लेकिन अगर सीएम चेहरे की बात की जाए तो कुछ ही लीडर हैं, जिनपर पार्टी विचार कर सकती है.
कौन हैं सीएम पद के दावेदार-
कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दावेदारों में सबसे ऊपर नाम सिद्धारमैया का है. सिद्धारमैया पहले भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और सूबे में उनका समर्थक वर्ग भी है. सीएम पद के लिए कांग्रेस की पहली पसंद सिद्धारमैया हो सकते हैं. इसके अलावा डीके शिवकुमार भी सीएम पद के बड़े दावेदार हैं. राज्य स्तर के इन दोनों बड़े नेताओं के अलावा कांग्रेस अगर किसी को सीएम बना सकती है तो वो मल्लिकार्जुन खड़गे हो सकते हैं. हालांकि वो फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. चलिए आपको इन दावेदारों के बारे में बताते हैं.
सिद्धारमैया-
सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वो सीएम पद के लिए इस बार भी सबसे बड़े दावेदार हैं. सिद्धारमैया कोरबा समुदाय से आते हैं. सूबे में लिंगायत और वोक्कालिगा के बाद तीसरा सबसे प्रभावी समुदाय कोरबा है. इसके अलावा सिद्धारमैया खुद को पिछड़ी जाति का बताते हैं, इस तरह से ये फैक्टर भी सीएम पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत कर रहा है.
डीके शिवकुमार-
डीके शिवकुमार भी कांग्रेस में सीएम पद के बड़े दावेदार हैं. फिलहाल सूबे की कमान भी उनके पास ही है. उनके अगुवाई में कांग्रेस को इतनी बड़ी जीत मिली है. इसलिए उनकी दावेदारी भी मजबूत है. डीके शिवकुमार को सूबे में पार्टी का संकटमोचक कहा जाता है. शिवकुमार का दावेदारी इसलिए भी और मजबूत है, क्योंकि वो वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. इस समुदाय को जेडीएस का वोट बैंक माना जाता है. हालांकि इस चुनाव में जेडीएस के सीटों की संख्या काफी कम हो गई है. इसलिए भी शिवकुमार की दावेदारी मजबूत है.
हालांकि कर्नाटक में कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या ये दोनों नेता ही हैं. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में अनबन की खबरें भी मीडिया में आती रहती हैं. ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि अगर को सीएम बनाती है तो दूसरे को कैसे मनाएगी.
मल्लिकार्जुन खड़गे-
सूबे में कांग्रेस के पास राज्य स्तर पर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार जैसे बड़े नेता हैं. लेकिन इन दोनों नेताओं से बड़ा एक नेता भी कांग्रेस के पास है. उनका नाम मल्लिकार्जुन खड़गे है. मल्लिकार्जुन खड़गे फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. अगर सिद्धारमैया और शिवकुमार सीएम पद को लेकर कोई अनबन होती है तो सीएम पद मल्लिकार्जुन खड़गे की झोली में भी जा सकता है.
किसी और को भी मिल सकता है मौका-
कांग्रेस को बहुत बड़ा जनादेश मिला है. ऐसे में आलाकमान पर दबाव की सियासत की कोई गुंजाइश नहीं है. आलाकमान अपनी मर्जी से सीएम का नाम तय कर सकता है. ऐसे में ये भी हो सकता है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की आपकी लड़ाई में बाजी किसी तीसरे के हाथ लग जाए. कर्नाटक की जीत का श्रेय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, एंटी-इनकंबेंसी और स्टेट लेवल के नेताओं की एकजुटता दिया जा रहा है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस किसपर दांव लगाती है.
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