आज देशभर में सुहागिनें धूमधाम से करवाचौथ मना रही हैं. पिछले कुछ सालों तक त्योहारों पर कोरोना का साया था. लेकिन इस बार करवाचौथ की रौनक ही अलग है. करवाचौथ सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत है. पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाएं ये व्रत रखती हैं. पूरे दिन महिलाएं अन्न जल ग्रहण नहीं करतीं और रात को चांद के दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं. इस दिन निर्जला व्रत रखने से महिलाओं को शुभ फल मिलता है और सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद महिलाएं चांद के दीदार का इतंजार कर रही हैं. दिल्ली, एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चंद्रमा आठ बजे के आसपास निकल जाएगा. चलिए जानते हैं बाकी शहरों में कब होगा चांद का दीदार...
दिल्ली- 8 बजकर 07 मिनट पर चांद दिखेगा
नोएडा- 8 बजकर 06 मिनट पर चांद दिखेगा
चंडीगढ़- 8 बजकर 06 मिनट पर चांद दिखेगा.
जयपुर- 8 बजकर 18 मिनट पर आराम से चांद दिख जाएगा.
लखनऊ - 7 बजकर 59 मिनट पर चांद का दीदार होगा.
पटना -7 बजकर 44 मिनट पर चांद की दीदार होगा.
मुंबई- 8 बजकर 48 मिनट पर चांद निकलेगा.
बैंगलोर- 8 बजकर 40 मिनट पर चांद निकलेगा.
चेन्नई- 8 बजकर 29 मिनट पर चांद दिखाई देगा.
शिमला- 8 बजकर 04 मिनट पर चांद दिखेगा.
गुरुग्राम- 8 बजकर 11 मिनट पर चांद दिखेगा.
प्रयागराज - 7 बजकर 57 मिनट पर चांद दिखाई देगा.
हालांकि देश के कई हिस्सों में भौगोलिक स्थिति या मौसम की खराबी के चलते चंद्रमा दिखाई नहीं देता है. ऐसे में चंद्र उदय का समय देखकर उस हिसाब से पूर्व-उत्तर दिशा में पूजा कर के अर्घ्य देना चाहिए. पंचांग गणना के अनुसार देश भर में शाम 08 बजे से लेकर 09 बजे के बीच चांद के दर्शन होंगे.
व्रत का पारण- करवा चौथ की पूजा, चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर ही व्रत का पारण करना चाहिए. रात में सिर्फ सादा और शाकाहारी भोजन करना चाहिए.
46 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना पूरी होने के लिए निर्जला यानी पानी तक पिये बगैर करवा चौथ व्रत रखती हैं. माना जा रहा है कि इस साल करवा चौथ पर 46 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. बरसों बाद ग्रहों की खास स्थिति इसके महत्व को बढ़ा रही है. असल में करवा चौथ का व्रत सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य और महालक्ष्मी योग में रखा जा रहा है. करवा चौथ व्रत आज गुरुवार को है और गुरु यानी बृहस्पति अपनी ही राशि मीन में विराजमान हैं. इससे पहले 23 अक्टूबर 1975 को करवा चौथ पर ग्रह-नक्षत्रों की ऐसी स्थिति बनी थी.