दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अधिकारियों को देश के नोटों पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की तस्वीर छापने का आदेश देना चाहिए. केजरीवाल ने कहा कि लक्ष्मी जी और भगवान गणेश भारतीय पौराणिक कथाओं में धन और समृद्धि के प्रतीक हैं. इस मांग के पीछे आप सरकार का प्रमुख का तर्क था कि नोटों पर देवता की तस्वीर होगी तो शुभ होगा और वे देश को आर्थिक संकट से बचाने में मदद करेंगे.केजरीवाल ने इस बयान से एक तीर से दो शिकार किए. उन्होंने मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक समस्याओं पर प्रकाश डाला और बीजेपी के इस आरोप को बेअसर करने का प्रयास किया कि आप हिंदू विरोधी है. हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल की आलोचना करते हुए दावा किया कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह मांग की गई थी.
इस साल की शुरुआत में पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, AAP को बीजेपी के लिए प्रमुख चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, जो कि कांग्रेस की जगह ले रही है. गुजरात में, केजरीवाल और उनके भरोसेमंद सहयोगी, मनीष सिसोदिया और भगवंत मान, चल रहे चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा पैदा करते दिखाई देते हैं. बीजेपी, जिसने पिछले दो दशकों में चुनाव नहीं हारा है ने आप को "हिंदू विरोधी" कहा है. यह आरोप दिल्ली के एक विधायक के कथित वीडियो से आया है जिसमें कथित रूप से धर्मांतरित लोगों को हिंदू देवताओं के सामने कभी प्रार्थना नहीं करने की कसम खाते हुए दिखाया गया है.
बैंक नोट का इतिहास
अब बात करते हैं बैंक पर छपी महात्मा गांधी की तस्वीर की और कबसे ये चलन में आई. वर्तमान पीढ़ी के अधिकांश लोगों ने नोटों पर महात्मा गांधी की ही तस्वीर देखी है. लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था. वास्तव में, गांधी पहली बार 1969 में अपनी 100वीं जयंती पर बैंकनोटों पर दिखाई दिए. इससे पहले बैंक नोट पर मंदिर, उपग्रह, बांध और प्रतिष्ठित उद्यान भारतीय कागज के पैसे को सुशोभित हुआ करते थे.
आरबीआई का गठन 1935 में हुआ था. इसने पहली बार 1938 में एक रुपये का नोट छापा था. इस नोट पर किंग जॉर्ज 6 दिखाई दिए थे.आजादी के बाद, आरबीआई ने स्वतंत्रता दिवस से तीन दिन पहले 1949 में अपना पहला नोट छापा. इस नोट में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चिन्ह था. भारत के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी 1969 में भारतीय नोटों पर आए. उनकी 100 वीं जयंती मनाने के अवसर पर उन्हें बैंक नोटों में छापना शुरू किया गया.
पहले छपती थीं ये तस्वीरें
1950 के दशक में 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोटों में क्रमशः तंजौर मंदिर, गेटवे ऑफ इंडिया और लायन कैपिटल, अशोक प्रतीक थे.बैंक नोटों पर संसद और ब्रह्मेश्वर मंदिर की तस्वीरें भी दिखाई दीं.आर्यभट्ट, 2 रुपये के नोट पर भारत का पहला उपग्रह, 5 रुपये के नोट पर कृषि उपकरण, 10 रुपये के नोट पर एक मोर और 20 रुपये के नोट पर एक रथ का पहिया बाद में छापा गया.अरविंद केजरीवाल ने इंडोनेशियाई बैंक नोटों पर भी भगवान गणेश का जिक्र किया.