केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली मेडिकल की छात्रा आर्य एल्ड्रिन रोमानियन बॉर्डर पर अपने प्यारे साइबेरियन हस्की के साथ रुकी हुई हैं. आर्य अपने प्यारे हस्की जायरा के साथ रोमानिया के बॉर्डर पर इंतजार कर रही हैं. आर्य नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विन्नित्सिया की मेडिकल छात्रा है और भारतीय अधिकारियों की अनुमति की प्रतीक्षा कर रही हैं ताकि वो अपनी जायरा के साथ फ्लाइट से वापस आ सकें.
पालतू कुत्ते को छोड़ने को तैयार नहीं आर्य
इडुक्की में आर्य के दोस्त श्यामा कृष्णन ने कहा, "उसने इडुक्की में अपने माता-पिता से कहा कि वह ज़ायरा के बिना ख़ीव नहीं छोड़ेगी. जिस दिन से रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की थी उसी दिन से आर्य ज़ायरा को ले जाने के लिए कागजात तैयार करने के लिए इधर-उधर दौड़ रही हैं. यहां तक कि जब उसे बस में अधिकारियों द्वारा रोमानियाई सीमा पर ले जाया गया, तो ज़ायरा उसकी गोद में थी. उसने अपने साथ ज़्यादा कपड़े या सामान नहीं लिया. उसने जायरा के लिए पार्याप्त भोजन रखा. ”
अभी इंडियन शेल्टर में रह रही हैं आर्य
श्यामा के मुताबिक आर्या जायरा को तब लाई थी जब वो बहुत छोटी थी. आर्या के दोस्त श्यामा ने एक वीडियो शेयर किया है उसमें वो कह रही हैं. "मैंने रोमानियाई सीमा तक पहुंचने के लिए बहुत प्रयास किया है और अब मैं यहां एक इंडियन शेल्टर में रह रही हूं. मेरी एकमात्र आशा यही है कि अधिकारी ज़ायरा को मेरे साथ यात्रा करने की अनुमति देंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं भारत नहीं जाऊंगी. केवल मेरा यहां पहुंचने का प्रयास व्यर्थ होगा."
श्यामा के मुताबिक, आर्या ने यूक्रेन में पालतू जानवरों के प्रेमियों से संपर्क करने की कोशिश की ताकि ज़ायरा के लिए एक आश्रय की व्यवस्था की जा सके. इसके लिए उसने यूक्रेन के दंपति क्रिस्टीना मासालोवा और यूजीन पेट्रस से भी संपर्क किया, जिन्होंने केरल के एक आवारा कुत्ते 'चपाती' को गोद लेकर मीडिया का ध्यान खींचा था. लेकिन युद्ध के कारण कुछ भी नहीं हो पाया.