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कोरोना की वजह से बंद हुआ काम तो सड़क पर स्कूटर लेकर निकल गए युवा...घूम रहे पूरा भारत

घूमना कई लोगों की फेवरेट हॉबी होती है. बहुत से लोग काम धाम के बीच कुछ समय निकालकर घूमना पसंद करते हैं तो कुछ लोग घूमने को ही अपना प्रोफेशन बना लेते हैं. ऐसी ही कहानी है केरल के तीन युवाओं की है. 1 दिसंबर को तीन युवाओं ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर पर केरल से रोड ट्रिप की शुरुआत की. इन युवाओं का सपना अपने द्वारा खरीदे गए ऑटोरिक्शा में पूरा भारत घूमने का था, लेकिन ईंधन की बढ़ती कीमतों ने उन्हें इसके बजाय इलेक्ट्रिक स्कूटर चुनने पर मजबूर कर दिया.

Kerala trio on road trip on electric scooter (Representative Image) Kerala trio on road trip on electric scooter (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • यूट्यूब से कमाए पैसे को करते हैं खर्च

  • रोजाना 160 किमी. का तय करते हैं सफर

घूमना कई लोगों की फेवरेट हॉबी होती है. बहुत से लोग काम धाम के बीच कुछ समय निकालकर घूमना पसंद करते हैं तो कुछ लोग घूमने को ही अपना प्रोफेशन बना लेते हैं. ऐसी ही कहानी है केरल के तीन युवाओं की है. 1 दिसंबर को तीन युवाओं ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर पर केरल से रोड ट्रिप की शुरुआत की. इन युवाओं का सपना अपने द्वारा खरीदे गए ऑटोरिक्शा में पूरा भारत घूमने का था, लेकिन ईंधन की बढ़ती कीमतों ने उन्हें इसके बजाय इलेक्ट्रिक स्कूटर चुनने पर मजबूर कर दिया. केवल 25 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा करते हुए आज यह तिकड़ी भारत की यात्रा कर रही है और कई संस्कृतियों और लोगों से रूबरू हो रही है.
 
रोजाना 160 किमी. का तय करते हैं सफर
इन तीन दोस्तों का नाम अखिल पी एस, शिबिन एस एस और अभिजीत चंद्रन है, जिन्होंने केरल के अलाप्पुझा के अर्थुनकल से यात्रा शुरू की. आज इन्हें सड़क पर एक महीना और सात दिन से भी ज्यादा का समय हो गया है. औसतन, तीनों 160 किमी की दूरी तय करते हैं. इसके लिए इन्होंने कुल खर्च 2 लाख रुपये निर्धारित किया है और इसी में वो देश को नापने की उम्मीद रखते हैं.

यूट्यूब से कमाए पैसे को करते हैं खर्च
यह सब तब हुआ जब पहला लॉकडाउन लगाया गया था. अखिल ने कहा, "मैं और मेरा दोस्त एक नए उद्यम में शामिल होने की योजना बना रहे थे. महामारी के प्रकोप की वजह से योजना को स्थगित करना पड़ा. फिर हम तीनों ने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया. हमे जल्द ही चैनल से पैसा मिलने लगा तो हमने सोचा की चैनल से होने वाली कमाई को हम घूमने-फिरने में लगाएंगे.” अभिजीत ने कहा, "पहले हमारी योजना ऑटोरिक्शा में सफर करने की थी. हमने उसे खरीदकर दोबारा से पेंट भी किया, लेकिन पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने हमें कुछ और ही सोचने पर मजबूर कर दिया "इसलिए हमने दो इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदे."  

1500 रुपये है प्रतिदिन का खर्चा
यात्रा सुबह 6.30 बजे शुरू हुई और उन्होंने छह घंटे तक ट्रेवल किया. दैनिक खर्च का लक्ष्य 3,000 रुपये रखा गया था, लेकिन वे आसानी से 1,500 रुपये प्रति दिन के खर्च पर काम चलाने लगे. अखिल कहते हैं, ''केवल रहने और खाने का खर्चा है और हम इसे आसानी से सीमित कर सकते हैं. तीनों होटलों में रुकते हैं या मंदिरों के पास अपना तंबू गाड़ते हैं. अखिल कहते हैं,“अक्सर, हम उस होटल में बैटरी चार्ज करते हैं जहां हम रहते हैं. एक बैटरी को चार्ज करने में लगभग तीन घंटे लगते हैं और हर बार चार्ज करने पर हम 110 किमी की दूरी तय कर सकते हैं. ”

औसतन तीनों 160 किमी की दूरी तय करते हैं. अब ये लोग अगले महीने तक अपनी यात्रा को समाप्त करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इन सब में उनके सामने कोरोना एक बड़ी चुनौती है.