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'वंडर बॉय' अवि शर्मा को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया सम्मानित, 12 साल की उम्र में बने वैदिक गणित के गुरु

महज 12 साल की उम्र में उन्होंने आवाज से चलने वाला एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है जिसकी मदद से कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकता है.कुछ समय पहले अवि ने 250 छंदों की बाल मुखी रामायण की रचना भी की थी.

 अवि शर्मा को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया सम्मानित (file photo) अवि शर्मा को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया सम्मानित (file photo)
हाइलाइट्स
  • महज 12 साल की उम्र में उन्होंने आवाज से चलने वाला एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है.

  • 10 साल की छोटी उम्र में उन्होंने 250 छंदों में अपने शब्दों में रामायण लिखी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 के विजेताओं से बातचीत की. इस बार 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है. हर एक विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए की राशि और एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. कोरोना महामारी के चलते साल 2021 और 2022 के विजेताओं को सर्टिफिकेट ब्लॉक चेन तकनीक के माध्यम से दिया जाएगा और पुरस्कार राशि उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी. भारत सरकार इनोवेशन, सोशल सर्विस, स्कॉलस्टिक, खेल, कला और संस्कृति और बहादुरी 6 श्रेणियों में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए अवॉर्ड देती है. 

इसी कड़ी में इंदौर के अवि शर्मा को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शैक्षिक उपलब्धि की श्रेणी में इंदौर के लेखक, प्रेरक वक्ता, वैदिक गणित के सबसे युवा सरंक्षक मास्टर अवि शर्मा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. इंदौर के एनआईसी कक्ष में उपस्थित इस बालक से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संवाद भी किया. इस अवसर पर कलेक्टर श्री मनीष सिंह सहित अवि शर्मा के परिजन भी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवि की बाल प्रतिभा का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के पानी में ही प्रतिभा है. 

आवाज से चलने वाला कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया

 सफलता किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है. इस बात को इंदौर के अवि शर्मा ने सच साबित कर दिखाया है. महज 12 साल की उम्र में उन्होंने आवाज से चलने वाला एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है जिसकी मदद से कंप्यूटर को ऑपरेट किया जा सकता है. अवि शर्मा एक मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक भी हैं. कुछ समय पहले अवि ने 250 छंदों की बाल मुखी रामायण की रचना भी की थी. वहीं अब इस बाल वैज्ञानिक ने 1700 से ज्यादा कोडिंग के माध्यम से एक वॉइस ऑपरेटिंग प्रोग्राम तैयार किया है जिसके जरिए  बोलने पर ही कंप्यूटर काम करने लगेगा. 

2 हफ्ते में तैयार किया प्रोग्राम

अवि शर्मा के अनुसार उन्होंने 2 हफ्ते की मेहनत से यह प्रोग्राम तैयार किया है. प्रोग्राम तैयार करने के लिए इंटरनेट के अलग-अलग माध्यमों से उन्होंने चीजों को सीखा है यह प्रोग्राम मुख्य तौर पर कंप्यूटर पर वॉइस कमांड के साथ काम करेगा. इस प्रोग्राम में भाषा परिवर्तन की भी सुविधा दी गई है, जिसके माध्यम से बोले जाने वाली भाषा को परिवर्तित किया जाएगा. अवि का कहना है कि उन्हें इस प्रोग्राम को तैयार करने की प्रेरणा बुजुर्गों और दिव्यांग जनों से मिली है. आज के समय में कंप्यूटर हर किसी की आवश्यकता बन गया है ऐसे में जो लोग इसे ऑपरेट नहीं कर पाते हैं उनके लिए यह प्रोग्राम काफी हद तक मदद करेगा

अवि ने बताया कि जो प्रोग्राम उनके द्वारा तैयार किया गया है वह एक वॉइस कमांड प्रोग्राम है जिसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी संचालित किया जा सकता है. अगर घर पर वाईफाई की सुविधा है तो घर के लाइट पंखे और एसी को भी इस प्रोग्राम के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है. अवि का कहना है कि माता-पिता के सहयोग और मार्गदर्शन से ही वे सफलता के आयाम हासिल कर पाए हैं. अवि के माता पिता अवि की सफलता से काफी खुश हैं. 

योगी आदित्यनाथ से मिला प्रशंसा पत्र

 23 जून 2009 को पैदा हुए 12 साल के अवि वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर भी हैं. आईक्यू 161 के साथ वो 'child prodigy' है, जो दुनिया की आबादी का केवल 2 प्रतिशत है. वो भारत के 'वंडर बॉय' के रूप में प्रसिद्ध है, वह एक लेखक, प्रेरक वक्ता, वैदिक गणित के सबसे युवा गुरू, सबसे कम उम्र के एंकर, अभिनेता, ऑनलाइन इंटरव्यू शो के सबसे कम उम्र के होस्ट, मिशन संस्कार के संस्थापक हैं. अवि शर्मा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनकी बालमुखी रामायण के लिए प्रशंसा पत्र मिला है. 

कई रिकॉर्ड्स किए अपने नाम 

अवि 2 साल की उम्र से ही श्लोक और मंत्रो का उच्चारण करता था. ढाई वर्ष की उम्र से ही उसे  लगभग 200-300 हिंदी और अंग्रेजी कविताएं याद थीं. वह रंगों, बैंक और एटीएम की पहचान आसानी से कर लेता था. उसके माता-पिता ने अपने बच्चे की अद्वितीय प्रतिभा की पहचान कर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित  किया. जिसके परिणामस्वरूप अवि ने 2 साल की उम्र में मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. वो कई टीवी शो और विज्ञापनों, लघु फिल्मों और संगीत एल्बम में दिखाई दिए. इसके अलावा भारतीय पौराणिक कथाओं, प्रबंधन, ओलंपियाड, एंकरिंग के क्षेत्र में कई सफलताए अर्जित की हैं. 

अवि के नाम 2 एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड ( 2020, 2021) दर्ज हैं. अवि के नाम 3 इंडिया बुक्स  ऑफ़ रिकॉर्ड्स हैं. इंटरनेशनल आइकॉन अवार्ड, यूथ आइकन अवार्ड, इंदोरी रतन,नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, प्राइड ऑफ इंडिया अवॉर्ड जैसे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मान मिले हैं. उन्हें कई ओलंपियाड में अब तक 20 स्वर्ण और 1 रजत पदक मिले हैं. 


बालमुखी रामायण के लेखक

10 साल की छोटी उम्र में उन्होंने 250 छंदों में अपने शब्दों में  रामायण लिखी. उन्होंने इसे "बालमुखी रामायण" का नाम दिया. वो सबसे कम उम्र के वैदिक गणित के गुरु हैं. अवि ने महामारी के दौरान कक्षा 3 से कक्षा 12 तक के 150 से ज्यादा बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया. हालांकि वह खुद 12 साल का है और कक्षा 7 का छात्र है. अवि अपना ऑनलाइन इंटरव्यू शो 'सिलेब्रिटी कॉर्नर विद अवि' चला रहे हैं. अवि एक प्रखर वक्ता भी हैं. मोटीवेशनल स्पीकर के रूप  उन्हें विभिन्न स्कूल,कॉलेज और अन्य प्लेटफार्मों में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जाता है. अवि इस छोटी उम्र में एक मिशन लेकर चल रहे हैं जिसका नाम है 'मिशन संस्कार'. जिसके तहत वह बच्चों को भारतीय संस्कृति धर्म और पौराणिक कथाओं के जरिए अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करते हैं. 

(धर्मेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)