दिल्ली आबकारी नीति में भ्रष्ट्राचार के मामले को लेकर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. देश के चर्चित शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. समीर महेंद्रू से रातभर पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि महेंद्रू को प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. आज ही आरोपी को दिल्ली स्थित कोर्ट में पेश किया जा सकता है.
कौन है समीर महेंद्रू?
देश के चर्चित कारोबारियों में समीर महेंद्रू को शुमार किया जाता है. ईडी से पहले सीबीआई ने भी समीर महेंद्रू के खिलाफ जांच की थी. समीर महेंद्रू इंडोस्प्रिट कंपनी के प्रबंध निदेशक भी हैं. समीर महेंद्रू 2013 के एक मामले में CBI के गवाह रहे थे. उन्होंने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (DSIIDC) के दो अधिकारियों- सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह के खिलाफ गवाही दी थी.
बता दें कि ये मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था. सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह पर आरोप था कि वो काम के बदले में महेंद्रू से हर महीने 4-5 महंगी शराब की बोतल लेते थे. महेंद्रू की गवाही के कारण ही अदालत ने दोनों अधिकारियों को दोषी माना था. अब ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया है. उनसे कई दौर की पूछताछ की गई थी. महेंद्रू को सिसोदिया का काफी खास बताया जाता है.
क्या हैं आरोप?
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि समीर महेंद्रू ने सिसोदिया के करीबी दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को 1 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की थी. सिसोदिया के करीबी दिनेश अरोड़ा के पास इस कंपनी का प्रबंधन है.
इसके अलावा सीबीआई ने कहा, सिसोदिया के एक अन्य करीबी अर्जुन पांडे ने विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रू से लगभग 2 से 4 करोड़ रुपये लिए थे.
FIR के मुताबिक, अर्जुन रामचंद्र पिल्लई ने समीर महेंद्रू से पैसे लिए और इसे अफसरों को दिए.
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया और अन्य लोक सेवकों ने "निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से" प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित निर्णय लिए. बता दें कि CBI ने अपनी FIR में 15 लोगों को आरोपी बनाया है.