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यूपी के 4 सबसे बड़े Mafia का अंत कैसे हुआ, जानिए

The End of Big Mafia in UP: उत्तर प्रदेश में हमेशा से माफिया कल्चर रहा है. एक माफिया का अंत होता है तो दूसरा माफिया आ जाता है. यूपी में कई बड़े माफिया हुए हैं. श्रीप्रकाश शुक्ला, मुन्ना बजरंगी, विकास दुबे और अतीक अहमद जैसे माफिया का अंत हो चुका है. लेकिन अभी भी कई माफिया जुर्म की दुनिया में अपना दबदबा बनाए हुए हैं.

श्रीप्रकाश शुक्ला, विकास दुबे और मुन्ना बजरंगी श्रीप्रकाश शुक्ला, विकास दुबे और मुन्ना बजरंगी

उत्तर प्रदेश में माफिया के खिलाफ पुलिस का एक्शन चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बीच माफिया अतीक अहमद की हत्या ने इसपर बहस और तीखी कर दी है. हालांकि अतीक अहमद पहला ऐसा माफिया नहीं है, जिसकी यूपी में हत्या हुई है. इससे पहले भी पुलिस कस्टडी में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या हो चुकी है. जबकि कई बड़े बदमाशों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. चलिए हम आपको आज उत्तर प्रदेश के 4 सबसे बड़े माफिया के अंत की कहानी बताते हैं. इसमें श्रीप्रकाश शुक्ला, मुन्ना बजरंगी, विकास दूबे और अतीक अहमद के अंत की दास्तां शामिल है.

एनकाउंटर में श्रीप्रकाश शुक्ला ढेर-
उत्तर प्रदेश में एक से बढ़कर एक माफिया हुए हैं. इसमें श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम सबसे ऊपर आता है. श्रीप्रकाश शुक्ला सुपारी लेकर अपने टारगेट को खत्म करता था. श्रीप्रकाश के बारे में कहा जाता था कि वो हमेशा एके 47 अपने साथ रखता था. शुक्ला ने सीएम कल्याण सिंह को मारने की सुपारी ली थी. ये खबर मिलते ही प्रशासन फौरन हरकत में आया. एसटीएफ की टीम बनाई गई और तलाश शुरू हुई. 23 सितंबर 1998 को एसटीएफ प्रभारी अरुण कुमार को खबर मिली कि श्रीप्रकाश दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ आ रहा है. श्रीप्रकाश की कार जब वसुंधरा एन्क्लेव पहुंची तो एसटीएफ की टीम उसका पीछा करने लगी. जैसे ही शुक्ला की कार इंदिरापुरम के सुनसान वाले इलाके में पहुंची, एसटीएफ की टीम ने कार को ओवरटेक किया और रास्ता रोक लिया. पुलिस ने श्रीप्रकाश शुक्ला को सरेंडर करने को कहा. लेकिन वो नहीं माना और फायरिंग करने लगा. इसके बाद एसटीएफ की तरफ से भी फायरिंग की गई. इस फायरिंग में यूपी का सबसे बड़ा माफिया और अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला मारा गया. श्रीप्रकाश को मारने के एक पूरे अभियान में पुलिस ने एक करोड़ रुपए खर्च किए थे.

मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या-
यूपी का कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने साल 1984 में पहली बार एक कारोबारी को मारा था. इसके बाद ये सिलसिला चल निकला और जल्द ही मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल के बड़े अपराधियों में शुमार हो गया. 90 के दशक में वो बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया. साल 2005 में मुन्ना बजरंगी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करके प्रदेश का बड़ा शूटर बन गया. मुन्ना पर दर्जनों मामले दर्ज थे. साल 2009 में मुन्ना को मुंबई से गिरफ्तार किया गया और यूपी की जेलों में रखा गया. 9 जुलाई 2018 को मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई. बजरंगी को 10 गोलियां मारी गई थीं. बताया जाता है कि सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बजरंगी को मारा था.

विकास दुबे का एनकाउंटर-
3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्री शीटर और गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस की टीम पर फायरिंग हुई. जिसमें 8 पुलिसवाले शहीद हो गए. इस कांड के बाद विकास दुबे फरार हो गया. पुलिस उसकी खोज में जुट गई. एसटीएफ की टीम लगातार उसकी तलाश कर रही थी. 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पकड़ा गया. इसके बाद यूपी पुलिस उसे कानपुर लेकर आ रही थी. 10 जुलाई की सुबह रास्ते में कार पलट गई और विकास दुबे भागने की कोशिश करने लगा. इस दौरान पुलिस ने फायरिंग की. जिसमें खूंखार अपराधी विकास दुबे मारा गया.

अतीक अहमद की हत्या-
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की 15 अप्रैल 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसके साथ उसके भाई अशरफ को भी मारा डाला गया. जिस वक्त अतीक अहमद की हत्या की गई, उस वक्त वो पुलिस कस्टडी में था. अतीक के खिलाफ 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे. एक मामले में अभी कुछ दिन पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

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