प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने मन की बात के 90वें संस्करण में देश के नाम संबोधन दिया. इसमें उन्होंने इमरजेंसी के कार्यकाल, देश के डेवलपमेंट और युवाओं की ओर से किए गए बदलावों पर चर्चा की. इसी के साथ पीएम मोदी ने राजस्थान के उदयपुर की एक सुल्तान बावड़ी का भी जिक्र किया.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस बावली का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान के उदयपुर में ऐसी ही सैकड़ों साल पुरानी एक बावड़ी है – ‘सुल्तान की बावड़ी’. इसे राव सुल्तान सिंह ने बनवाया था, लेकिन, उपेक्षा के कारण धीरे–धीरे ये जगह वीरान होती गयी और कूड़े–कचरे के ढेर में तब्दील हो गयी है. एक दिन कुछ युवा ऐसे ही घूमते हुए इस बावड़ी तक पहुंचे और इसकी स्थिति देखकर बहुत दुखी हुए. इन युवाओं ने उसी क्षण सुल्तान की बावड़ी की तस्वीर और तकदीर बदलने का संकल्प लिया.
क्या है मिशन ‘सुल्तान से सुर-तान’?
उन्होंने अपने इस mission को नाम दिया - ‘सुल्तान से सुर-तान’. आप सोच रहे होंगे, कि, ये सुर-तान क्या है. दरअसल, अपने प्रयासों से इन युवाओं ने ना सिर्फ बावड़ी का कायाकल्प किया, बल्कि इसे, संगीत के सुर और तान से भी जोड़ दिया है. सुल्तान की बावड़ी की सफाई के बाद, उसे सजाने के बाद, वहां, सुर और संगीत का कार्यक्रम होता है. इस बदलाव की इतनी चर्चा है, कि, विदेश से भी कई लोग इसे देखने आने लगे हैं. इस सफल प्रयास की सबसे ख़ास बात ये है कि अभियान शुरू करने वाले युवा chartered accountants हैं.
जागरूकता को सामाजिक कार्यक्रमों से जोड़ें: मोदी
पीएम ने इन चार्टेड अकाउंटेंट की तारीफ करते हुए कहा, "संयोग से, अब से कुछ दिन बाद, एक जुलाई को chartered accountants day है. मैं, देश के सभी CAs को अग्रिम बधाई देता हूँ. हम, अपने जल-स्त्रोतों को, संगीत और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों से जोड़कर उनके प्रति इसी तरह जागरूकता का भाव पैदा कर सकते हैं. जल संरक्षण तो वास्तव में जीवन संरक्षण है. आपने देखा होगा, आजकल, कितने ही ‘नदी महोत्सव’ होने लगे हैं. आपके शहरों में भी इस तरह के जो भी जल-स्त्रोत हैं वहां कुछ-न-कुछ आयोजन अवश्य करें."
क्या होती है बावड़ी?
बावड़ी उस बड़े कुएं को कहा जाता है, जिनसे पानी भरने के लिए सीढ़ियों से उतरकर जाना पड़ता है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में बावड़ी के बारे में भी बताया और उसे परिभाषित किया. इसके अलावा उन्होंने जल संरक्षण के मुद्दे पर लोगों को जागरूक होने की सलाह भी दी.