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Kolkata Doctor Rape-Murder Case: SC ने ममता सरकार को लगाई फटकार, National Task Force का किया गठन, जानें कौन-कौन इसमें शामिल और क्या होगा इसका कार्य

SC on Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स गठन करने का आदेश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्‍त को होगी. 

SC on Kolkata Doctor Murder Case (Photo: PTI) SC on Kolkata Doctor Murder Case (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा CISF को

  • स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए ऐक्शन प्लान तैयार

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College and Hospital) में एक जूनियर डॉक्‍टर (Junior Doctor) से रेप (Rape) और हत्या (Murder) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंगलवार को सुनवाई की. इस दौराम पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को जमकर फटकार लगाई.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई (CBI) से 22 अगस्त 2024 तक टास्क स्टेटस रिपोर्ट और राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट मांगी है. इतना ही नहीं शीर्ष कोर्ट ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए नेशनल टास्क फोर्स (NTF) का गठन करते हुए कहा कि देश एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकता. आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा CISF को दिया गया है.

देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा का है ये मुद्दा
SC ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए ऐक्शन प्लान भी तैयार कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 अगस्‍त को होगी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. 20 अगस्त को सुनवाई के दौरान डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सिर्फ कोलकाता में हत्या का मामला नहीं, ये मुद्दा देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा का है.

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि वे काम पर लौटें. हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं. हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है.
 

मृतका की पहचान उजागर होने पर जताई चिंता
सीजेआई (CJI) ने मृतका की पहचान उजागर होने पर चिंता व्‍यक्‍त की. उन्होंने कहा कि हम पीड़िता की तस्वीर और नाम सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से बहुत चिंतित हैं. ये वारदात देशभर में सिस्टेमेटिक फेल्योर है. हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़िता का नाम और मृतक की फोटो, वीडियो सभी मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं. ग्राफिक में उसका शव दिखाया गया है,जो घटना के बाद का है. अदालत के फैसले हैं, जो कहते हैं कि यौन पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किए जा सकते हैं.

नेशनल टास्क फोर्स में कौन-कौन शामिल
1. आरके सरियन, सर्जन वाइस एडमिरल, महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (नौसेना) 
2. डॉ. नागेश्वर रेड्डी, मैनेजिंग डायरेक्टर, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी
3. डॉ. एम श्रीनिवास, डायरेक्टर, एम्स, दिल्ली
4. डॉ. प्रतिमा मूर्ति, निमहंस, बेंगलुरु
5. डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, डायरेक्टर, एम्स, जोधपुर
6. डॉ. सौमित्र रावत, मैनेजिंग मेंबर, गंगाराम अस्पताल, दिल्ली  
7. प्रोफेसर अनीता सक्सेना, कुलपति, पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय                                                          8. डॉ. पल्लवी सैपले, जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स 
9. डॉ. पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी अध्यक्, षपारस अस्पताल, गुड़गांव 
10. केंद्रीय कैबिनेट सचिव
11. केंद्रीय गृह सचिव
12. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव
13. नेशनल मेडिसिन कमीशन के अध्यक्ष
14. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के अध्यक्ष

क्या करेगी नेशनल टास्क फोर्स 
1. नेशनल टास्क फोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी. 
2. लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करेगी. 
3. टास्क फोर्स इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट देगी.

सुप्रीम कोर्ट ने बताया ऐक्शन प्लान 
1. इमर्जेंसी रूम में अतिरिक्त सुरक्षा की सुविधा होनी चाहिए. 
2. अस्पताल में हथियारों को ले जाने से रोकने के लिए पर्याप्त स्क्रीनिंग होनी चाहिए.
3. यदि कोई मरीज नहीं है तो अनावश्यक लोगों को अस्पताल में एंट्री न दी जाए.
4. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात किया जाए.
5. डॉक्टरों और नर्सों के लिए महिला और पुरुष के हिसाब से अलग-अलग रेस्ट रूम और कॉमन रूम की व्यवस्था की जाए.
6. ऐसी जगहों पर बायोमीट्रिक और फिसियल रिकग्निशन की व्यवस्था की जाए. 
7. इन जगहों पर पर्याप्त लाइटिंग और सीसीटीवी की व्यवस्था हो. 
8. चिकित्सा पेशेवरों को रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक वाहन की सुविधा दी जाए.
9. दुख और संकट से निपटने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन.
10. संस्थागत सुरक्षा उपायों का तिमाही ऑडिट.
11. आने वाले लोगों के अनुरूप पुलिस बल की स्थापना.

क्या है मामला 
9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. उसके बाद डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. 14 अगस्त 2024 की देर रात इसी अस्पताल में भीड़ ने घुसकर तोड़फोड़ की थी.