उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से स्टेट की योगी हुकूमत से नाराजगी जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर हिंसा मामले के गवाहों की सुरक्षा के लिए कहा है. इसके साथ ही अदालत ने यूपी हुकूमत को आदेश दिया कि वह इस मामले के बाकी गवाहों की बयान भी न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए.
8 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने पर यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी. आज इस बात पर सवाल उठाए कि जिन आरोपियों को पकड़ा गया उनकी ज़्यादा हिरासत की मांग पुलिस ने क्यों नहीं की? क्यों 3 दिन की पुलिस हिरासत के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल जाने दिया गया.
यूपी सरकार पर sc ने जताई नाराजगी
यूपी सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट देर से दाखिल होने पर भी चीफ जस्टिस एन वी रमना ने नाराजगी जताई. 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस रमना ने कहा कि कल वह देर शाम तक इस रिपोर्ट का इंतजार करते रहे. इस तरह सुनवाई से ठीक पहले रिपोर्ट देना गलत है. यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुनवाई शुक्रवार तक टालने के सुझाव दिया. लेकिन जजों ने इससे मना कर दिया. उन्होंने रिपोर्ट को पढ़ा और सुनवाई की.
यूपी सरकार ने मामला टालने की लगाई थी गुहार
इससे पहले यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने कुल 44 गवाहों में से 4 के बयान दर्ज किए हैं. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने यूपी सरकार की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को लेकर यह बात कही. यूपी सरकार ने अदालत से शुक्रवार तक इस मामले को टालने की गुज़ारिश भी की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. अब कोर्ट में इस केस की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर तक टाल दी गई है.
गौरतलब है कि इस मामले में यूपी पुलिस की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 10 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है. दो वकीलों की ओर से इस मामले में याचिका दायर कर हाई लेवल इन्क्वायरी की मांग किए जाने पर अदालत ने सुनवाई शुरू की थी.
लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को एक हिंसा के दौरान चार किसान, तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इसके बाद इस मामले में काफी सियासत शुरू हो गई थी, यहां तक स्टेट हुकूमत को कई दिनों तक सियासी रहनुमाओं के लखीमपुर खीरी जाने में पाबंदी लगानी पड़ी थी, हालांकि बाद में अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेता पीड़ित किसानों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे.