scorecardresearch

लाखों प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से खिल उठा कश्मीर, पहली बार इन प्रजातियों का हुआ दीदार

श्रीनगर की सबसे बड़ी वेटलैंड, होकरसर में 3.5 लाख से अधिक पक्षी मौजूद हैं, जबकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला में हाइगम वेटलैंड में इनकी संख्या 2.5 लाख पाई गई है.

पक्षियों से गुलजार कश्मीर पक्षियों से गुलजार कश्मीर
हाइलाइट्स
  • शालबाग में पक्षियों के आने की संख्या कम

  • कश्मीर में देखी गईं 10-20 नई प्रजातियां

कश्मीर की झीलों और वेटलैंड में लाखों प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं, जोकि कुछ 10-20 नई या दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं. इन पक्षियों के आने स यहां लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. दिसंबर और जनवरी में घाटी में व्यापक हिमपात हुआ, जिसमें यूरोप और मध्य एशिया के पक्षी मेहमान बनकर आते हैं, जो हर सर्दियों में हिमालयी क्षेत्रों का रुख करना पसंद करते हैं.  

श्रीनगर में लाखों पक्षी मौजूद 

श्रीनगर की सबसे बड़ी वेटलैंड, होकरसर में 3.5 लाख से अधिक पक्षी मौजूद हैं, जबकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला में हाइगम वेटलैंड में इनकी संख्या 2.5 लाख पाई गई है. पिछली सर्दियों में होकरसर में जल स्तर खतरनाक स्तर तक कम हो गया था, क्योंकि बाढ़ चैनल की खुदाई के कारण वेटलैंड का एक बड़ा हिस्सा सूख गया था. 

पिछले साल प्रभावित हुआ था पक्षियों का आगमन 

वहीं, पिछले साल की बात करें तो होकरसर में जल स्तर कम होने के कारण पक्षियों का आगमन प्रभावित हुआ था, लेकिन इस साल यहां डेम और दरारों पर जरूरी काम करके समय पर हस्तक्षेप किया जिससे पानी को बनाए रखने में मदद मिली. कश्मीर में लगभग 400 जल निकाय हैं, जिनमें से अधिकारी और एवियन पर नजर रखने वाले लगभग 25 बड़े और अधिसूचित जल निकायों में पक्षियों का निरीक्षण करते हैं. वर्तमान में, घाटी में जम्मू और कश्मीर में कुल 13 में से नौ वेटलैंड हैं.

शालबाग में पक्षियों के आने की संख्या कम 

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित शालबो, 16 वर्ग किमी में फैली सबसे बड़ी वेटलैंड है, जबकि शहर के बाहरी इलाके में होकरसर लगभग 13.5 किमी और उत्तरी कश्मीर में हाइगम वेटलैंड 9 किमी में फैली हुई है.  चटलाम वेटलैंड दक्षिण कश्मीर के पंपोर में है. शालबाग में जलस्तर अच्छा है लेकिन, अभी तक पक्षियों के आने की संख्या कम है. 

हिमालय घाटियों में सर्दी बिताने आते हैं पक्षी 

पक्षियों को शालबाग में देर से पहुंचने की आदत होती है, ज्यादातर जनवरी के अंत और फरवरी तक यहां आगमन करते हैं. वहीं, पंपोर में भी पक्षियों की संख्या अच्छी है. पक्षी झुंड में महाद्वीपों पर उड़ते हुए दुनिया के ठंडे क्षेत्रों से आते हैं. वे यूरोप, मध्य एशिया, चीन और जापान से हिमालय घाटी के पानी में सर्दी बिताने के लिए आते हैं. ज्यादातर पक्षी जो हर साल यहां आते हैं, वे हैं मल्लार्ड्स, ग्रेलाग गीज़, पोचार्ड्स, कॉमन टेल्स, शॉवेलर्स, पिंटेल और घरवाल जो अक्टूबर और अप्रैल के बीच इस क्षेत्र का दौरा करते हैं. 

कश्मीर में देखी गईं 10-20 नई प्रजातियां

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल कश्मीर में 10-20 नई प्रजातियों के देखे जाने की रिपोर्ट है, विशेष रूप से हूपर स्वान और वेडर्स. पिछले साल भी यहां कुछ नई प्रजातियां आई थीं, जोकि यहां बेहद कम देखी जाती हैं. उन्होंने कहा कि विभाग फरवरी के अंत तक जनगणना करने जा रहा है. पक्षियों के सटीक प्रकार और संख्या की रिपोर्ट पेश करेंगे. 

ये भी पढ़ें: