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काश एक बार फिर आप जीने की तमन्ना कर लेतीं...लता मंगेशकर के वो दस गाने जो हमेशा जुबां पर रहेंगे

आज लता मंगेशकर भले हम सब के बीच से चली गई हों लेकिन उनके गाए गीत उन्हें आने वाली पीढ़ियों के बीच हमेशा जीवित रखेगी. एक ऐसी शख्सियत जिन पर पूरा हिंदुस्तान हमेशा गर्व करेगा. लता मंगेशकर ने अपनी आवाज से संगीत की दुनिया को एक ऊंचाई दी है जिस पर देशवासियों को हमेशा नाज रहेगा.

'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर हम सबकी यादों में रहेंगी 'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर हम सबकी यादों में रहेंगी
हाइलाइट्स
  • लता मंगेशकर ने अपनी गीत से हर पीढ़ी के लोगों को बहुत मुतास्सिर किया

  • पिछले कुछ दिनों से काफी बीमार चल रही थीं स्वर कोकिला

  • 6 दशक से भी ज्यादा समय संगीत की दुनिया को दिया, 30 हजार गाने गाए

स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रहीं. उनके जाने के बाद सिर्फ बॉलीवुड नहीं बल्कि देश और दुनिया में लोगों को ऐसा लग रहा है कि एक सन्नाटा सा छा गया है. ऐसा महसूस होता है कि संगीत की दुनिया में एक खामोशी सी छा गई है. उनकी गीतों को गुनगुनाने वाले हर लब उदास हैं. जिन्होंने अपनी आवाज से कभी लोगों मंत्रमुग्ध किया तो कभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की आंखों में आंसू ला दिए...कभी लोगों को झूमाया तो कभी प्रेम में डूबने पर मजबूर कर दिया. भारत रत्न, पद्म भूषण, दादासाहेब फाल्के अवार्ड, स्पेशल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड...और ऐसे अवार्डों की एक लंबी फेहरिस्त. अवार्ड भी फक्र महसूस करता होगा कि वह लता दीदी की झोली में गया.

आज लता मंगेशकर भले हम सब के बीच से चली गई हों लेकिन उनके गाए गीत उन्हें आने वाली पीढ़ियों के बीच हमेशा जीवित रखेगी. एक ऐसी शख्सियत जिन पर पूरा हिंदुस्तान हमेशा गर्व करेगा. लता मंगेशकर ने अपनी आवाज से संगीत की दुनिया को एक ऊंचाई दी है जिस पर देशवासियों को हमेशा नाज रहेगा. वैसे तो लता मंगेशकर ने जिस लिरीक्स को अपनी आवाज दी, सब हिट रहे. श्रोताओं ने सभी को खूब सराहा. लेकिन, उनमें कुछ ऐसे रहे जो अक्सर लोगों की जुबां पर होते हैं और जब कहीं ऐसे गीत बजते हैं, लता दीदी का चेहरा सामने आ जाता है. आइये देखते हैं वो कौन से ऐसे 10 गाने रहे जो हमेशा लोगों की जुबां पर रहते हैं.

ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी
1962 में चीन के साथ युद्ध में मिली हार के बाद पूरा देश निराश था. तब कवि प्रदीप ने इस गीत को लिखा था और इसे आवाज दी थी स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने. 1963 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर लताजी ने इसे पहली बार गाया और इसे सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी भावुक हो गए थे. यह गीत सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. लता मंगेशकर के गाए ये उन गीतों में से है जो हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर बजते हैं. इसे सुनने के बाद हर देशवासी की आंखें नम हो जाती है. ये जादू लता मंगेशकर की आवाज का ही है.

लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो...
साल 1964 में आई फिल्म वो कौन थी का गाना-"लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो" कौन भूल सकता है भला. कभी खामोशियों में मोहब्बत में डूबे लोग ये गाना अक्सर गुनगुनाते हैं. इसे अपनी मधुर स्वर देने वाली थीं लता मंगेशकर.

मुगल-ए-आजम का वो गाना...प्यार किया तो डरना क्या
सत्तर, अस्सी, नब्बे का दौर छोड़िये फिल्म मुगल-ए-आजम का वो गाना "प्यार किया तो डरना क्या...प्यार किया कोई चोरी नहीं की, चुप-चुप आहें भरना क्या", 1960 में आई फिल्म के इस गीत को सुनेंगे तो बस यही लगेगा कि लगा मंगेशकर मोहब्बत की पाठ सीखा रही हैं. शायद लता दीदी का यह गीत सुनकर डरने वालों के दिन भी बदले होंगे.

आप की नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे
लता दीदी ने 6 दशक से अधिक समय तक संगीत की दुनिया को अपनी मधुर आवाज से नवाजा है. तीनों पीढ़ी के लोगों को उनके गीत काफी पसंद आते हैं. 60 के दशक में आई फिल्म अनपढ़ का ये गीत आप की नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे कभी कोई भुला नहीं सकेगा. एक ऐसा गीत जो युवा पीढ़ी का हर शख्स कई बार गुनगुनाया होगा.

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं
1983 में आई हिंदी फिल्म मासूम के इस गीत को लता मंगेशकर ने हर किसी को जिंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया होगा. एक ऐसा गीत जो हर आम आदमी से जुड़ा है. ये लता दीदी की आवाज का ही कमाल है कि लोग आज भी इसे उतने ही चाव से सुनते हैं जितना पहले सुनते थे और ऐसे गाने हमेशा सुने जाएंगे.

आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है
1965 में आई फिल्म गाइड का यह गाना आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है उस दौर से साथ-साथ बाद के दौर में भी लोगों को बहुत प्रभावित किया. लाखों युवा लता मंगेशकर की इस गीत से मुतास्सिर हुए और आगे भी लोग जब इसे सुनेंगे तो बहुत प्रभावित होंगे.

हाय-हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी
लता मंगेशकर के इस गाने ने उन लोगों को काफी प्रभावित किया जो अपनी पत्नी से दूर रहते थे. गाने के हर शब्द और इसे जिस तरह से गाया गया है, उससे सबकुछ ताजी सी हो जाती है. हल्के फुल्के शब्दों में एक दूसरे से दूर रहने वाले मियां-बीवी के दिलों में ये गाना अंदर तक उतर जाता है. लता मंगेशकर का ये गीत फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान का है.

एक प्यार का नगमा है
संतोष आनंद के लिखे इस गीत को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी है. ऐसा यकीन है कि लता मंगेशकर और उनकी आवाज को पसंद करने वाले हर शख्स ने एक बार नहीं बल्कि कई बार इसे सुना होगा. जिंदगी की सच्चाई और उसे हल्के फुल्के अंदाज में जीने बात सिखाने वाली इस गीत को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज देकर हमेशा के लिए अमर कर दिया. 70 के दशक में आई फिल्म शोर के इस गीत को कई पीढ़ी के लोगों ने सुना और आगे न जाने कितनी पीढ़ी तक यह इसी तरह सुना जाएगा.

करवटें बदलते रहें सारी रात हम
गीत के जरिये कसम खाकर अपने प्रेमी को काफी कुछ कह देने वाले इस गाने में लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी. शांत माहौल में अपने मोहब्बत की याद करना हो या कभी कुछ कहना हो तो इसे जरूर सुनना चाहिए. 30 हजार से अधिक गाने और 20 भाषाओं में अपनी आवाज दे चुकी लता मंगेशकर का यह गीत भी चुनिंदा गानों में शामिल है.

हमें और जीने की चाहत न होती अगर तुम न होते
मोहब्बत कहां से उठती है और कहां दम तोड़ सकती है, इसे लता दीदी ने एक गाने के जरिये बता दिया. हमें और जीने की चाहत न होती अगर तुम न होते, इस गीत को आवाज देकर लता मंगेशकर ने हमेशा के लिए अमर कर दिया. पार्श्वगायक के रूप में भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाने वाली लता मंगेशकर अपनी आवाज के दम पर संगीत की दुनिया में हमेशा राज किया. भले ही लता मंगेशकर हम सब के बीच नहीं हैं लेकिन उनके गीत हमेशा उन्हें अमर रखेंगे. यहां भी उनके गाए हुए गाने बजेंगे...या फिर कोई गीत गुनगुनाएगा, ऐसा महसूस होगा कि लता दीदी हम सबके पास, हम सबके बीच ही हैं.