बिहार की सबसे बड़ी समस्या ये रही है कि यहां से जो भी टैलेंट निकल कर बाहर जाता है वह पलट कर बिहार का मुंह देखना नहीं चाहता. बिहार ने देश को कई आईएएस और आईपीएस अफसर दिए हैं, लेकिन वह अफसर भी बिहार के लिए, बिहार की जनता के लिए कोई खास कोशिश करते हुए दिखाई नहीं पड़ते हैं. बिहार की खराब स्थिति की वजह से ही अब जब बिहार के बाहर किसी बिहारी को बिहारी कहकर संबोधित किया जाता है तो उसकी मंशा अच्छी नहीं होती.इन्हीं सब चीजों को देखते हुए बिहार के आईपीएस ऑफिसर विकास वैभव ने एक पहल की है.
विकास वैभव फिलहाल बिहार सरकार के गृह विभाग में स्पेशल सेक्रेट्री के पद पर तैनात हैं. उन्होंने 'Lets Inspire Bihar' नाम से एक शुरुआत की है. इस शुरुआत का मकसद है कि बिहार के बाहर बसे सभी सफल बिहारियों को एक मंच पर लाकर उनसे बिहार की तरक्की के लिए काम करवाना. दिल्ली में बिहार एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ जिसमें आईपीएस विकास वैभव सहित कई उद्यमियों और दूसरे लोगों ने हिस्सा लिया. विकास वैभव कहते हैं कि जब भी कोई बिहारी बिहार की बात करता है तो वह बिहार का इतिहास बताता है. वर्तमान को लेकर वह कंफ्यूज है और भविष्य उसे बिहार का कुछ दिखाई नहीं पड़ता. खुद एक बिहारी की सोच ही बिहार को लेकर बहुत सकारात्मक नहीं है हमारी पहली कोशिश यही है कि कम से कम लोगों की सोच को बदला जाए.
बिहार को उसका गौरव वापस दिलाने की कोशिश
इस मौके पर देश भर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना नाम कमा रहे बिहार के लोगों ने हिस्सा लिया. कोई बड़ा बिजनेसमैन है तो किसी की अपनी कंपनी है. यहां आए बिहार के यंग उद्यमी और पेशे से कंपनी सेक्रेट्री रवि भूषण का कहना है कि बिहार ने देश को बहुत कुछ दिया, लेकिन बिहार को पलट कर उसके हिस्से का कभी वापस नहीं मिला. बिहार का टैलेंट बिहार के ही काम नहीं आया लेकिन अब वक्त आ चुका है कि ऐसे सभी लोगों को एक साथ लाया जाए.
बिहार के एक और यंग एंटरप्रेन्योर मनजीत विशाल कहते कि बिहार में अब सड़कें बन चुकी हैं और ट्रांसपोर्टेशन की वहां पर कोई दिक्कत नहीं है. मोबाइल नेटवर्किंग और इंटरनेट नेटवर्किंग भी वहां जबरदस्त तरीके से काम कर रही है. कहने का मतलब यह है कि बिहार में सभी रिसोर्सेज मौजूद है लेकिन बिहार को सही दिशा और दशा देने वाले लोग नहीं है. लेकिन 'Lets Inspire Bihar' के जरिए अब ऐसे लोगों को इकट्ठा करने का काम किया जा रहा है. कुल मिलाकर बिहार को उसका गौरव वापस दिलाने के लिए एक कोशिश शुरू हो चुकी है. उम्मीद है कि जल्द ही इसके सकारात्मक असर भी दिखाई पड़ेंगे.