लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को भारत के अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया गया है. इसकी घोषणा बुधवार को की गई है. बता दें, जनरल बिपिन रावत के बाद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lt Gen Anil Chauhan) देश के दूसरे सीडीएस होंगे. जनरल रावत के निधन के बाद से सीडीएस का पद खाली था, जिसके बाद सरकार ने बुधवार को नए सीडीएस की नियुक्ति की है.
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान?
आपको बताते चलें कि रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) और इंडियन मिलिट्री अकेडमी (IMA) के पासआउट हैं. जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी कमान (Commanding-in-Chief Eastern Command) के पद से 40 साल की सेवा के बाद 31 मई, 2021 को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हुए थे. पूर्वी सेना को संभालने से पहले, जनरल ऑफिसर नई दिल्ली में मिलिट्री ऑपरेशन्स के डायरेक्टर जनरल थे.
कई बड़े ऑपरेशन्स में निभा चुके हैं भूमिका
डायरेक्टर जनरल रहते हुए उन्होंने 'ऑपरेशन सनराइज' को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बता दें, इसके तहत भारतीय और म्यांमार सेनाओं द्वारा दो देशों के बीच बॉर्डर के पास विद्रोही समूहों के खिलाफ अभियान चलाया जाता था. इतना ही नहीं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर हुई बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने में भी शामिल थे.
रह चुके जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी कमान
रि. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी कमान ने 1 सितंबर 2019 को पूर्वी सेना की बागडोर संभाली थी. उन्होंने ये कमान लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने से ली थी, जब वे थल सेनाध्यक्ष के रूप में दिल्ली चले गए थे. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में, पूर्वी सेना ने भी भारत-चीन सीमा पर कई बड़े ऑपरेशन्स को अंजाम दिया.
अपनी सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को सरकार द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल देकर सम्मानित किया जा चुका है.