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दिल्ली में शराब नीति में होगा बदलाव, जानिए एक सितंबर से क्या कुछ बदल जाएगा

दिल्ली में 1 सितंबर से आबकारी नियमों बदलाव होने वाले हैं, जिसके बाद से अब दिल्ली में शराब का व्यापक विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार द्वारा संचालित दुकानों पर 1,000 से अधिक शराब ब्रांड, देसी और विदेशी दोनों खरीद के लिए उपलब्ध होंगे.

दिल्ली में शराब नीति में होगा बदलाव, जानिए एक सितंबर क्या कुछ बदल जाएगा दिल्ली में शराब नीति में होगा बदलाव, जानिए एक सितंबर क्या कुछ बदल जाएगा
हाइलाइट्स
  • शराब की कीमतों में नहीं मिलेगा डिस्काउंट

  • साल के अंत कर 700 ठेके खुलेंगे

दिल्ली में शराब की निजी दुकानें अब बंद होने लगीं हैं. अगर कहीं दुकानें खुली भी हैं तो खाली पड़ी हैं. दरअसल 1 सितंबर से दिल्ली छह महीने के लिए पुरानी आबकारी व्यवस्था में वापस आ जाएगी. अपने नए शराब कानून पर भारी विवाद के मद्देनजर, राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार ने पुरानी आबकारी नीति को वापस लाने का फैसला किया है. इसको लेकर  आबकारी विभाग की निगरानी में सरकार की तरफ से नियुक्त चार निगम तैयारियों में लगे हुए हैं. इसके चलते अब पहले हफ्ते में तीन सौ से अधिक दुकानें खोलने का लक्ष्य है, जो महीने के अंत तक बढ़कर पांच सौ तक हो जाएगी.

शराब की कीमतों में नहीं मिलेगा डिस्काउंट
ग्राहकों के लिहाज से बात करें तो पुरानी नीति के तहत शराब बिकने से उन्हें निर्धारित कीमतों पर शराब खरीदनी होगी. यानी की अब उन्हें किसी भी तरह का डिस्काउंट नहीं मिलेगा.  साथ ही सभी क्षेत्रों की दुकानों पर शराब की कीमतें ब्रांड के हिसाब से समान ही रहेगी.

1 सितंबर से क्या-क्या होंगे बदलाव

  • दिल्ली सरकार के चार निगमों डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीसीसीडब्ल्यूएस और डीएसएससी को एक सितंबर से कुल 500 शराब ठेके खोलने का जिम्मा सौंपा गया है.
  • इस साल के अंत तक निगमों द्वारा चलाए जाने वाले शराब ठेकों की कुल संख्या 700 हो जाएगी.
  • हालांकि, कोई निजी वेंड नहीं होंगे और ग्राहक केवल सरकारी निगम द्वारा संचालित स्टोर से ही शराब खरीद सकते हैं.
  • पुरानी आबकारी व्यवस्था में वापसी के साथ ही आप सरकार ने निर्देश दिया है कि ग्राहक अनुभव में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
  • चार सरकारी निगम प्रीमियम और बजट दोनों तरह के ठेके संचालित करेंगे जो के सभी क्षेत्रों के ग्राहकों की आपूर्ति करेंगे.
  • दिल्ली वालों को शराब का व्यापक विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. सरकार द्वारा संचालित दुकानों पर 1,000 से अधिक शराब ब्रांड, देसी और विदेशी दोनों खरीद के लिए उपलब्ध होंगे.
  • आबकारी आसूचना ब्यूरो (ईआईबी) के अलावा अनुमंडल स्तर पर कई टीमें गठित की जाएंगी, जिनकी अध्यक्षता एक अनुमंडल मजिस्ट्रेट करेंगे. उन्हें किसी भी प्रकार की नकली शराब को नियंत्रित करने, सीमा पार से तस्करी, शराब की जमाखोरी, घबराहट में बेचने और अवैध रूप से शराब की कीमतों में छूट देने या अधिक वसूलने का काम सौंपा गया है.

क्यों बंद करनी पड़ी पुरानी नीति
उपराज्यपाल ने नई नीति में अनियमितता बताते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की. सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है. आरोप है कि नई नीति के तहत शराब का उत्पादन, भंडार और बिक्री का काम एक ही समूह से जुड़े लोगों के दिया गया. नई आबकारी नीति 31 मार्च, 2022 तक के लिए मंजूर की गई थी, लेकिन उसे बिना सक्षम प्राधिकारी और कैबिनेट की मंजूरी को दो बार आगे बढ़ाया गया.

नई नीति में क्या था

  • राजधानी के 272 वार्डों में 849 दुकानें खोली जानी थीं, जिनमें से 600 से कम ही खुल पाई, अभी 342 दुकानें संचालित हैं.
  • नई नीति में सरकार ने खुद को शराब की बिक्री से अलग कर लिया था. 
  • नाइट कल्चर के तहत देर रात कर शराब बिक्री करने की व्यवस्था की गई थी, हालांकि इसे लागू नहीं किया जा सका. 
  • ग्राहकों को दुकान के अंदर जाकर शराब पसंद करने का अवसर दिया गया. 
  • सभी दुकान एयर कंडीशनर बनाए गए, जिससे ग्राहकों को शराब खरीदते वक्त बेहतर अनुभव हो.