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Modi oath ceremony: Mohammed Muizzu से लेकर Sheikh Haseena तक, PM Modi के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे दुनियाभर के ये बड़े नेता

राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. विदेश मंत्रालय ने इस ऐतिहासिक समारोह (PM Modi Oath Ceremony) के लिए पड़ोसी मुल्कों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है.

हाइलाइट्स
  • नौ जून को तीसरी बार शपथ लेंगे मोदी

  • भारत ने सात देशों को भेजा निमंत्रण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का नौ जून को तीसरी बार पीएम पद के लिए शपथ लेना तय हो चुका है. पीएम मोदी के साथ उनके नए कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे. राष्ट्रपति भवन पर होने वाले इस कार्यक्रम के लिए साज-सज्जा से लेकर सुरक्षा इंतजाम तक सब तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. पीएम के इस कार्यक्रम में देशभर के नेता तो मौजूद होंगे ही, बल्कि कुछ विदेशी नेता भी मौजूद होंगे.

इन नामों ने स्वीकार किया न्योता
विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के ऐतिहासिक तीसरे शपथ-ग्रहण समारोह (PM Modi Oath Ceremony) के लिए पड़ोसी मुल्कों के नेताओं को आमंत्रित किया. मंत्रालय ने शनिवार को उन नेताओं के नाम बताए जिन्होंने निमंत्रण स्वीकार किया. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना; मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनुथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और भूटान के प्रधानमंत्री  शेरिंग टोबगे ने भारत का निमंत्रण स्वीकार किया है. 

ये नेता लेंगे मोदी 3.0 के शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा

नेता देश पद
रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका राष्ट्रपति
मोहम्मद मुइज्ज़ू मालदीव राष्ट्रपति
अहमद अफीक सेशेल्स उपराष्ट्रपति
शेख हसीना बांग्लादेश प्रधानमंत्री
प्रविंद कुमार जुगनुथ मॉरीशस प्रधानमंत्री
पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' नेपाल प्रधानमंत्री
शेरिंग टोबगे भूटान प्रधानमंत्री

कुछ यूं रहे हैं भारत-मालदीव के रिश्ते
भारत ने पीएम मोदी के तीसरे शपथ-ग्रहण समारोह में मालदीव के राष्ट्रपति को निमंत्रण तो जरूर दिया है. लेकिन भारत और मालदीव के रिश्ते हाल के समय में सुगम नहीं रहे हैं. नए राष्ट्रपति मुइज्जू ने "इंडिया आउट" के नारे के साथ राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था. नवंबर 2023 में सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस ले. इस साल फरवरी में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि भारत 10 मार्च से 10 मई के बीच मालदीव में तैनात अपने सभी 80 सैन्य कर्मियों को वापस बुला लेगा. इसे 10 मई तक पूरा कर लिया गया. 

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इसके बाद हालांकि 9 मई को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने दिल्ली आकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी. इसके अलावा अप्रैल में भारत ने 2024-25 के लिए मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चीनी, चावल, गेहूं का आटा और दालें, नदी की रेत और पत्थर समुच्चय (stone aggregates) के रिकॉर्ड निर्यात को मंजूरी दी थी. 

मुइज्जू ने शपथ-ग्रहण समारोह का निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक समारोह में हिस्सा लेना उनके लिए सम्मान की बात होगी. और वह भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं. 

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात होगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं. मालदीव-भारत संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जैसा कि इस यात्रा से भी दिखेगा." 

शपथ-ग्रहण के बाद दावत में लेंगे हिस्सा
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सभी विदेशी मेहमान इस समारोह के बाद दावत में हिस्सा लेंगे. यह भोज महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मेजबानी में होगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पीएम मोदी के तहत अपनाई गई नीतियों को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है. 

मंत्रालय ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी 'पड़ोसियों को प्राथमिकता' नीति और 'सागर' दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए है."