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डिप्टी CM Manish Sisodia के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की बात पर CBI ने दिया बयान, जानें इस सर्कुलर का मतलब और इससे जुड़े नियम 

Manish Sisodia Look out Notice: दिल्ली के डिप्टी सीएम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने वाली बात पर CBI ने बयान दिया है. सीबीआई ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ अभी तक इस सर्कुलर को जारी नहीं किया गया है. ये अभी प्रोसेस में है.

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हाइलाइट्स
  • एक्साइज पॉलिसी घोटाले में मारा था CBI ने छापा

  • गृह मंत्रालय द्वारा एलओसी को लेकर कई दिशानिर्देश हैं

हाल ही में सीबीआई ने एक्साइज पॉलिसी को लेकर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था. जिसके बाद रविवार को मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने वाली बात पर सीबीआई ने अपना बयान दिया है. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने पॉलिसी घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित किसी भी आरोपी के खिलाफ "अभी तक" लुक आउट सर्कुलर जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया चल रही है और नोटिस संदिग्धों को पूछताछ के लिए जारी किया जा रहा है.

दरअसल, रविवार सुबह मनीष सिसोदिया के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी वाली बात ने तूल पकड़ लिया. जिसके बाद जवाब में डिप्टी सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए पूछा कि ये क्या नौटंकी है?

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आपकी सारी रेड फैल हो गयी, कुछ नहीं मिला, एक पैसे की हेरा फेरी नहीं मिली, अब आपने लुक आउट नोटिस जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा. ये क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं खुलेआम दिल्ली में घूम रहा हूँ, बताइए कहाँ आना है? आपको मैं मिल नहीं रहा?”

चलिए जानते हैं कि आखिर कब लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है और इसका क्या मतलब होता है… 

क्या है लुकआउट नोटिस? 

लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर (LOC) के रूप में भी जाना जाता है. ये नोटिस फरार अपराधियों का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है. साथ ही, कानून प्रवर्तन अधिकारियों (Law Enforcement Authorities) द्वारा किसी भी व्यक्ति की एंट्री और एग्जिट को रोकने और निगरानी करने के लिए  एलओसी जारी किया जाता है.

सभी मामलों में ऐसा नहीं होता है. कुछ मामलों में, पुलिस देश के बाहर किसी व्यक्ति की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है. हालांकि,  जिसके लिए सर्कुलर जारी हुआ है वह व्यक्ति इसे चुनौती दे सकता है और अदालत से राहत प्राप्त कर सकता है.

क्या एलओसी का मतलब किसी को गिरफ्तार करना होता है ?  

नहीं, ये जरूरी नहीं है. एलओसी कई प्रकार के हो सकते हैं. एक सर्कुलर ऐसा होता है जिसकी मदद से केवल उस व्यक्ति देश से बाहर जाने और देश में प्रवेश करने से रोका जा सकता है., वहीं किसी-किसी एलओसी के प्रोफार्मा में स्थानीय पुलिस/जांच एजेंसी में व्यक्ति को हिरासत में लेने का अनुरोध भी होता है, जिससे आम तौर पर गिरफ्तारी होती है. 

एलओसी को लेकर क्या नियम हैं? 

आपको बताते चलें, गृह मंत्रालय द्वारा एलओसी को लेकर कई दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं. हालांकि, इसमें 4 पॉइंट सबसे जरूरी हैं-

1. एलओसी जारी करने का अनुरोध किसी ऐसे अधिकारी के अप्रूवल से किया जाना चाहिए, जो भारत सरकार के उप सचिव/राज्य सरकार में संयुक्त सचिव/जिला स्तर पर संबंधित पुलिस अधीक्षक के पद से नीचे का न हो.

2. किसी भी भारतीय व्यक्ति के खिलाफ सभी इमिग्रेशन चेक पोस्ट के लिए लुकआउट नोटिस केवल गृह मंत्रालय द्वारा जो प्रारूप बनाया गया है उसके तहत ही जारी किया  जा सकता है. 

3. नोटिस जारी करने वाली एजेंसी को पहले से ही निर्धारित प्रारूप में आरोपी व्यक्ति की पहचान का पूरा विवरण देना होगा. 

4. आम तौर पर लुकआउट नोटिस जारी होने की तारीख से एक वर्ष के लिए वैध होता है. हालांकि, अगर मूल एजेंसी इस नोटिस की अवधि बढ़ाना चाहती है, तो वह एक साल पूरा होने से पहले ऐसा कर सकती है.