उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अयोध्या के बीच सड़क मार्ग को दुरुस्त करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) करीब 446 करोड़ रुपए खर्च करेगा. हाईवे को इस तरह संवारा जाएगा कि यात्रा सुगम होने के साथ पूरा मार्ग राममय नजर आए. इसके लिए अलग-अलग जगहों पर अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व और राममंदिर से जुड़े प्रतीक चिह्न भी लगाए जाएंगे. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है.
साइनेज भी लगाए जाएंगे
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि इसी महीने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर सितंबर में काम शुरू कराने की तैयारी है. 2024 की शुरुआत में काम पूरा कराने का लक्ष्य है. 113 किमी लंबे लखनऊ-अयोध्या 4 लेन हाईवे (एनएच 27) को नए सिरे से बनाने के अलावा डिवाइडर और साइड पटरी को भी ठीक कराया जाएगा. लखनऊ से अयोध्या के बीच विशेष रूप से तैयार साइनेज भी लगाए जाएंगे. अधिकारियों का कहना है कि जनवरी के चौथे सप्ताह में नवनिर्मित राममंदिर परिसर में रामलला के दर्शन शुरू हो सकते हैं. इससे पहले ही हाईवे को ठीक करने का काम पूरा करना है.
टेंडर प्रक्रिया को बांट गया है दो भागों में
टेंडर प्रक्रिया को दो भागों में बांट गया है. पैकेज-1 का काम लखनऊ से अयोध्या के बीच 60 किमी और पैकेज-2 का काम 53 किमी में कराया जाएगा. इसके लिए दो अलग-अलग कंपनियों को काम दिया जा सकता है. काम पूरा करने का समय भी अधिकतम छह महीने ठेकेदार कंपनी को दिया जाएगा. हाईवे संवरने के बाद लखनऊ के मटियारी से अयोध्या बाईपास को जोड़ने का काम होगा. अयोध्या बाईपास को छह लेन बनाने का काम एनएचएआई पहले ही शुरू करा चुका है.
मेंटेनेंस भी देखना होगा
जिन कंपनियों को काम हाईवे सुधार का दिया जाएगा. उनको पांच साल तक मेंटेनेंस भी देखना होगा. यह उनके काम करने की शर्त में शामिल किया गया है. काम तेजी से पूरा हो, इसके लिए अलग से इंजीनियरों की टीम तैनात की जाएगी.
कार्यों की ली जानकारी
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने रविवार को अयोध्या में विकास योजनाओं का निरीक्षण किया. मुख्य सचिव ने राम पथ के निरीक्षण के दौरान अब तक के हुए कार्यों की जानकारी ली. इसके साथ ही चेताया की दीपोत्सव से पहले राम पथ दुरुस्त हो जाना चाहिए. उन्होंने निरीक्षण के दौरान ही हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन किया. इसके बाद राम जन्मभूमि जाकर रामलला के दरबार में माथा टेका और राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भी जानकारी ली.