
दुनिया में एक भाषा ऐसी है जिसको सब समझते हैं. और वह भाषा है ‘संगीत’ की भाषा. मुल्क कोई भी हो, धर्म कोई भी हो संगीत सिर्फ़ दिलों को जोड़ता है. आज हम आपको इसका एक ऐसे रंग के बारे में बताएंगे जो यकीनन आपके चेहरे पर मुस्कान ला देगा.
12 साल की उम्र में तन्मय राज मुखर्जी ने ड्रम्स के साथ संगीत की जो यात्रा शुरू की, आज वह और लोगों को जोड़ रही है. तृष्णा बैंड से मशहूर तन्मय मुखर्जी, अब सुनिधि चौहान जैसे सितारों के साथ काम करते हैं. और बच्चों को संगीत की दुनिया से एक ख़ास अन्दाज़ में जोड़ रहे हैं.
बच्चों को सिखाते हैं ताल और लय
म्यूज़िक गुरु तन्मय मुखर्जी बच्चों को संगीत की शिक्षा दे रहे हैं. उनका मानना है कि इससे पढ़ाई में बच्चों की लगन बढ़ेगी और जीवन में अनुशासन आएगा. तन्मय कोई आम म्यूज़िक टीचर नहीं हैं.
वह देश में ट्रैश ड्रमिंग को शुरू करने वाले चंद लोगों में से एक हैं. ट्रैश ड्रमिंग यानी वह संगीत जो बेकार पड़ी चीजों से बजाया जाए, जैसे किचन के डब्बे, कटोरी, चम्मच, मेज़, कुर्सी. तन्मय की माने तो संगीत किसी भी चीज़ में होने की बजाय सबसे पहले आपके दिमाग़ में होता है. इसलिए किसी भी चीज़ से ‘लय सुर ताल' निकल सकती है.
बजाते हैं 20 से ज्यादा वाद्ययंत्र
तन्मय को पहचान ड्रमर के रूप में मिली. पर तन्मय 20 से ज़्यादा वाद्ययंत्र बजाते हैं. जिनमें ड्रम, तबला, गिटार, ढोलक, तुम्बा, मजीरा, कोंगो जैसे प्रचलित वाद्ययंत्रों के अलावा अफ़्रीकन वाद्ययंत्र ‘जेम्बे’ और अरेबियन वाद्य यंत्र ‘दरबुका’ जैसे विदेशी वाद्ययंत्र भी बजाते हैं.
छोटे-छोटे बच्चों को संगीत से जोड़ने वाले तन्मय राज को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. खासकर, कोरोना काल में उन्हें अपने स्टूडेंट्स को घर में ही रहना पड़ा. बच्चों के माता पिता ने उन्हें बताया कि बच्चे घर से बाहर न जा पाने की वजह से तनाव में हैं. तब तन्मय ने अपनी ट्रैश ड्रमिंग की क्लास ऑनलाइन शुरू की. और देखते-देखते ये कारवां बढ़ता गया.
हर कोई नहीं खरीद सकता है म्यूजिक इंस्ट्रुमेंट्स
तन्मय अब रेगुलर क्लास करते हैं. वह कहते हैं कि हर चीज़ में किसी वाद्य यंत्र का संगीत है. हमारे देश में ट्रैश ड्रमिंग और भी ज़रूरी है क्योंकि यहां सब लोग वाद्ययंत्र नहीं ख़रीद सकते हैं. इसलिए वह बेकार की चीजों से संगीत को और लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं.
कभी तृष्णा रॉक बैंड के ज़रिए सुरों का जादू बिखेरने वाले तन्मय मुखर्जी अब बॉलीवुड के सेलिब्रिटी सिंगर्स के साथ शो करते हैं. लेकिन उनकी ये ज़मीनी पहल बताती हैं कि संगीत के लिए बड़े मंच और महंगे इंस्ट्रमेंट्स ज़रूरी नहीं बल्कि आप चाहें तो किसी भी चीज़ से संगीत के शौक़ को पूरा कर सकते हैं.