उत्तर प्रदेश में सनातन धर्म से जुड़े पुरोहितों, पुजारियों और अर्चकों को जल्द ही योगी सरकार से आर्थिक मदद मिलने वाली है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है. इसके तहत 60 साल की उम्र और ज़्यादा के पुरोहितों, मंदिर के पुजारियों और अर्चकों को फायदा मिलेगा. आर्थिक मदद के लिए मानदेय के अलावा उनको राशन और हेल्थ कार्ड से सुविधा देने पर भी विचार किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग ने इसका खाका तैयार किया है.
हुई थी पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा
उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में मंदिर हैं. मंदिर के पुजारियों के पद छोड़ने पर उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती है. इसलिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहले पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा की थी. अब मुख्यमंत्री ने इसमें तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए ग्राउंड वर्क कर लिया गया है. इसी के ज़रिए पुरोहित-अर्चकों की मदद की जाएगी. इस योजना में 'सनातन' से जुड़े सभी पंथों सिख, जैन आदि को भी शामिल किया जाएगा.
एक क्लिक में मिलेगी मंदिरों की जानकारी
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. राम मंदिर के लोकार्पण के बाद से यूपी में धार्मिक पर्यटन करने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा बढ़ी है. इसके लिए अब सभी धर्मस्थलों और मंदिरों की जानकारी एक क्लिक में मिलेगी. इसके लिए सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर तेज़ी से काम चल रहा है. इसमें न सिर्फ़ प्रदेश के बड़े मंदिरों बल्कि हर ज़िले के प्रमुख मंदिरों की पौराणिक मान्यता, इतिहास और अन्य जानकरियां उपलब्ध करायी जाएंगी.
मंदिरों के जीर्णोद्धार की योजना
योगी सरकार की इस पहल पर विश्व पुरोहित परिषद ने भी खुशी जताई है. साथ ही, यह कहा है कि सनातन की रक्षा करने वाले पुरोहितों के हितों को देखना ज़रूरी है. उत्तर प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. 100 साल से ज़्यादा पुराने मंदिरों जीर्णोद्धार के लिए अलग से योजना तैयार की गयी है. अब पुरोहितों के लिए मानदेय और आर्थिक मदद की व्यवस्था कर सरकार एक नयी शुरुआत करने वाली है.