
"कुछ लोगों को अपने घर में जकूज़ी लगाने की पड़ी थी."
यह शब्द थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के. वह बजट से पहले लोकसभा में हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे. उसी समय उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर 'शीशमहल' से जुड़ा तंज़ कसने का फैसला किया. प्रधानमंत्री ने यहां जिस जकूज़ी का ज़िक्र किया, उसकी कहानी दरअसल 110 साल पुरानी है.
आज भले ही लोग जकूज़ी का इस्तेमाल अपनी विलासिता के लिए करते हों, लेकिन इसकी ईजाद इटली के एक परिवार ने एक बीमारी के इलाज के लिए की थी. क्या है जकूज़ी की एक शताब्दी पुरानी कहानी, आइए जानते हैं.
क्या है जकूज़ी परिवार का इतिहास?
जकूज़ी का इतिहास जानने से पहले हमें इसे बनाने वाले लकूज़ी परिवार के बारे में जान लेना चाहिए. जिओकोंडो, फ्रैंक, राचेले, कैंडिडो, जोसेफ, गेलिंडो और वेलेरियानो लकूज़ी परिवार के सात भाई थे. जब इनमें से दो भाई 1907 में इटली से अमेरिका आने लगे तो इमिग्रेशन स्टाफ ने उनका नाम लकूज़ी (Lacuzzi) की जगह (Jacuzzi) कर दिया.
यह परिवार मूल रूप से उत्तरी इटली के कैसरसा डेला डेलिज़िया शहर का रहने वाला था. उन्हें कृषि और वाइन बनाने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता था. हालांकि अमेरिका में उन्होंने इंडस्ट्रियल युग को गले लगाने का फैसला किया. यहां आकर उन्होंने सबसे पहले एविएशन इंडस्ट्री में काम किया. उन्होंने लड़ाकू विमानों के लिए प्रोपेलर तैयार किया, जिसका प्रयोग पहले विश्व युद्ध में भी हुआ था.
उन्होंने हवाई जहाज़ के लिए आधुनिक कैबिन भी तैयार किया लेकिन ऐसा ही एक हवाई जहाज़ सन् 1921 में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें जियोकोंडो की मौत हो गई. लकूज़ी परिवार ने इसके बाद एविएशन इंडस्ट्री छोड़कर कई अन्य बिज़नेस आज़माए. इन्हीं में से एक था हाइड्रोथेरेपी. यानी पानी की मदद से शरीर की किसी बीमारी का इलाज करना.
कैसे बनी जकूज़ी?
सन् 1948 में कैंडिडो जकूज़ी को अपने बेटे केन जकूज़ी के रूमेटोइड गठिया (Arthritis) का इलाज करवाना था. उन्होंने पाया कि बर्कले के हेरिक अस्पताल का छोटा हबर्ड टैंक उसे फायदा पहुंचा रहा है. अपने बेटे के इलाज के लिए कैंडिडो ने एक बेहतर फुल बॉडी हाइड्रोथेरेपी पंप जे-300 तैयार किया.
उन्होंने 1952 में पंप का पेटेंट कराया. और 1955 और 1956 के बीच चिकित्सीय सहायता के रूप में इसका विपणन शुरू किया. यह पंप एक पोर्टेबल उपकरण था जो किसी भी नियमित बाथटब को स्पा में बदल सकता था. सन् 1968 से एक व्हर्लपूल बाथ टब का प्रोडक्शन शुरू किया गया जिसमें हवा और पानी को मिश्रित करने वाले जेट शामिल थे.
आगे चलकर कंपनी ने ऐसे प्रोडक्ट बनाए जिनमें एक से ज्यादा लोग बैठ सकते थे. उन्होंने इसमें फिल्टर और हीटर भी फिट किए ताकि पानी को बार-बार बदलना न पड़े. और यह लंबे वक्त तक गर्म भी रहे. इस प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए कंपनी ने हॉलीवुड के बड़े चेहरों का इस्तेमाल किया. और देखते ही देखते यह लोकप्रिय होने लगा.
सन् 1989 तक जकूज़ी में 2200 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे. शुरुआत में जकूज़ी मुख्य रूप से ठेकेदारों और बिल्डरों के माध्यम से बेची जाती थी लेकिन 1993 में इसकी बिक्री रिटेलरों के माध्यम से भी होने लगी. 1990 के दशक में जकूज़ी ने अमेरिका के बाहर बाजारों में प्रवेश किया. और 1990 के दशक के अंत तक इसकी आधी बिक्री अमेरिका के बाहर थी.