मध्य प्रदेश का राजगढ़ जिला अब मिनी नागपुर के नाम से अपनी पहचान कायम करता जा रहा है. इसका कारण है यहां के रसीले संतरे. कानपुर, दिल्ली, कोलकत्ता, चेन्नई, और मुंबई जैसे शहरों में राजगढ़ जिले से लगाता मीठे व रसीले संतरे सप्लाई किए जा रहे हैं.
हो सकता है कि राजगढ़ का नाम आने वाले समय में देश में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट संतरा उत्पादक जिलों के नामों में शामिल हो. संतरा उत्पादक किसानों का कहना है कि जिले के जलवायु व प्रकृति इतनी अलग है कि यहां के संतरे की मिठास के लिए दूर-दूर के खरीदार प्राथमिकता देते है. व्यापारी सबसे पहले राजगढ़ के संतरे की मांग करते है.
स्वाद ने बनाया सबको दीवाना
आपको बता दें कि इस समय जिले में करीब 21 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में संतरे का उत्पादन हो रहा है. हांलाकि, इस बार मौसम की मार भी संतरे की फसल पर पड़ी है लेकिन स्वाद में तो अभी भी उतनी ही मिठास कायम है. कहा जाता है कि जिसने भी राजगढ़ जिले के संतरे को एक बार चख लिया वो इसका स्वाद कभी नहीं भूल सकता.
महाराष्ट के फ्रूट व्यापारी राहुल ने बताया कि राजगढ़ जिले का संतरा साइज में बड़ा रहता है व खाने में टेस्टी होता है. इस कारण संतरे क प्रदेश के बाहर खूब मांग है. यहां के संतरे विदेशों तक जाते हैं. उन्होंने जिले में सौ संतरे के बगीचे खरीदे हुए हैं और हाल ह में, यहां सवा सौ गाड़ियां भरकर संतरे कानपुर लेकर गए थे. उनका कहना है कि उनके संतरे हाथों-हाथ बिक गए.
गर्मी में ठंडक के लिए है बहुत अच्छा
संतरा व्यापारी विनोद खत्री ने बताया कि इस जिले का संतरा गर्मी में ठंडक के लिए बहुत अच्छा रहता है. यह गर्मी में लू से बचाता है. और राजगढ़ संतरे का गढ़ है. विनोद का कहना है कि वह अब तक यहां से 70 गाड़ी संतरे भरकर ले जा चुके हैं. वहीं संतरा व्यापारी ताहिर खान ने बताया कि अब तक वह 50 से 60 गाड़ी संतरे की भरकर बेच चुके हैं. उनका कहना है कि राजगढ़ की मिट्टी अच्छी है और यहां का संतरा जल्दी खराब नहीं होता है.
एक संतरा किसान, दूल्हे सिंह ने बताया कि उनक बगीचे से संतरे गवालियर, बंगाल, दिल्ली, और कानपुर के व्यापारियों को बेचे जा रहे हैं. लोग खुद आकर उनसे संतरे खरीद रहे हैं.
(पंकज शर्मा की रिपोर्ट)