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Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में नाविक परिवार के बल्ले-बल्ले! 45 दिनों में कमाए 30 करोड़ रुपए, CM Yogi ने विधानसभा में की तारीफ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा, प्रयागराज के नाविक परिवार ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई की है. यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हुआ है.

UP CM Yogi Adityanath (Photo:PTI) UP CM Yogi Adityanath (Photo:PTI)
हाइलाइट्स
  • नाविक परिवार के पास हैं 130 नावें 

  • श्रद्धालुओं को संगम में कराया स्नान 

प्रयागराज महाकुंभ 2025 (Prayagraj Mahakumbh 2025) का समापन हो चुका है, लेकिन इसकी चर्चा अभी भी हो रही है. 45 दिनों तक चले इस आध्यात्मिक आयोजन ने न केवल देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, बल्कि कई सफल कहानियों को भी जन्म दिया. ऐसी ही एक कहानी है प्रयागराज के नाविक परिवार की है, जिसने 45 दिनों के इस महाकुंभ मेले में अपनी 130 नावों से 30 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस सफलता की कहानी का जिक्र खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान किया.

परिवार में है खुशी का माहौल
प्रयागराज के इस परिवार में जश्न का माहौल है. परिवार का हर सदस्य बेहद खुश है और इसी खुशी में ये लोग एक-दूसरे का मुंह मीठा करा रहे हैं. महरा परिवार की इस खुशी की वजह है हाल ही में खत्म हुआ महाकुंभ मेला जिसने इनकी जिंदगी बदल कर रखी है. नैनी के अरैल के रहने वाले इस महरा परिवार का मुख्य कारोबार नाव चलाना है. जिसकी बदौलत इस परिवार ने 45 दिनों में महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपए की कमाई की है.

मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा, प्रयागराज के नाविक परिवार ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई की है. यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हुआ है. परिवार के सदस्य पिंटू महरा ने बताया कि उनके पास 130 नावें हैं, जिनसे उन्होंने श्रद्धालुओं को संगम में स्नान कराया.

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इतने लोग पहुंचे थे प्रयागराज महाकुंभ
महाकुंभ के आयोजन से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी करीब साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. प्रयागराज में आयोजित इस महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे, जिससे स्थानीय व्यापारियों और नाविकों को भी अच्छा खासा लाभ हुआ. पिंटू महरा की मां शुक्लावती ने बताया कि इतने पैसे उन्होंने पहली बार देखे हैं और इसके लिए वे राज्य सरकार का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलीं.

नाविकों की मेहनत लाई रंग
पिंटू महरा ने बताया, हम लोग सुबह 4 बजे उठ जाते थे और सुबह 5 बजे से श्रद्धालुओं को नहलाते थे. सभी को प्रयागराज के बड़े संगम में स्नान कराते थे. महाकुंभ के दौरान नाविकों ने दिन-रात मेहनत की और इसका फल उन्हें मिला.

महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. इस आयोजन ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है.