scorecardresearch

Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच! आम नागरिक अगले 10 दिनों में करा सकते हैं अपने बयान दर्ज 

न्यायिक आयोग ने आमजन से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति के पास भगदड़ से संबंधित कोई साक्ष्य, वीडियो, फोटो या अन्य प्रमाण हैं, तो वे आयोग के दफ्तर में जाकर बयान दर्ज करा सकते हैं. इस जांच से न केवल दोषियों की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी.

Maha Kumbh stampede Judicial Commission Maha Kumbh stampede Judicial Commission

प्रयागराज में मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग (Judicial commission) ने आम जनता से इस मामले में जानकारी देने की अपील की है. आयोग ने कहा है कि कोई भी आम नागरिक अगले 10 दिनों के भीतर अपने बयान दर्ज करा सकता है. इसके लिए न्यायिक आयोग ने फोन नंबर और ईमेल आईडी भी जारी किए हैं.

न्यायिक आयोग ने आमजन से अपील की है कि अगर किसी व्यक्ति के पास भगदड़ से संबंधित कोई साक्ष्य, वीडियो, फोटो या अन्य प्रमाण हैं, तो वे आयोग के दफ्तर में जाकर बयान दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा, लोग mahakumbhcommission@gmail.com पर ईमेल के माध्यम से या फोन नंबर 0522-2613568 पर कॉल करके भी अपनी जानकारी साझा कर सकते हैं.

कहां दर्ज करा सकते हैं बयान?
ज्यूडिशियल कमीशन का ऑफिस लखनऊ के हजरतगंज स्थित जनपथ मार्केट विकास भवन में स्थापित किया गया है. यहां आमजन अपनी जानकारी दर्ज करा सकते हैं. बयान दर्ज कराने के लिए 10 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है.

सम्बंधित ख़बरें

मौनी अमावस्या के अवसर पर हुए हादसे की गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार कर रहे हैं. आयोग को पूरे मामले की जांच कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी होगी.

भगदड़ का कारण और प्रशासनिक चूक
घटना के बाद से ही प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़, अव्यवस्थित ट्रैफिक मैनेजमेंट और पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बनी. आयोग इस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर यह तय करेगा कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार था और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए.

प्रशासन की अपीलसरकारी अधिकारियों ने भी जनता से अपील की है कि वे आयोग की जांच में सहयोग करें और यदि उनके पास कोई महत्वपूर्ण जानकारी है, तो उसे जल्द से जल्द आयोग को उपलब्ध कराएं. इस जांच से न केवल दोषियों की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी.

(इनपुट- संतोष शर्मा)