
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा का स्नान खत्म हो चुका है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए श्रद्धालुओं की अब घर वापसी हो रही है. इन श्रद्धालुओं में लाखों ऐसे लोग हैं जो ट्रेनों के जरिए घर जा रहे हैं. लेकिन रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है और यह श्रद्धालु ट्रेनों में सवार होने के लिए बेहाल दिखाई दे रहे हैं. आलम यह है कि जो लोग प्लेटफार्म पर हैं वह ट्रेन पर चढ़ नहीं पा रहे हैं और महिला यात्रियों की तो आंखों से आंसू निकल जा रहे हैं.
स्नान कर वापस घर लौट रहे यात्री
रेलवे स्टेशन की प्लेटफार्म पर जहां तक नजर जा रही है वहां तक सिर्फ और सिर्फ यात्री ही यात्री दिखाई दे रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा तादाद उन यात्रियों की है जो प्रयागराज जिससे संगम स्नान कर वापस अपने घरों को लौट रहे हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर नई दिल्ली से चलकर पुरी जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में जबरदस्त भीड़ है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर मौजूद श्रद्धालुओं में ट्रेन में सवार होने की होड़ मची हुई है. लोग किसी तरह ट्रेन में सवार हो रहे हैं और दरवाजे से लटक कर यात्रा करने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं.
RPF और जीआरपी के जवानों ने मोर्चा संभाला
स्टेशन पर RPF और जीआरपी के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है. जो लगातार भीड़ को कंट्रोल करने के साथ-साथ यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने और उतरने में मदद कर रहे हैं. भीड़ का आलम यह है कि लोग दरवाजे पर झूल कर और लटक कर यात्रा कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे यात्री भी हैं जो ट्रेन में रिजर्वेशन होने के बावजूद चढ़ नहीं पा रहे हैं. ट्रेन में न चढ़ पाने की निराशा महिला यात्रियों की आंखों में आंसू तक ला दे रही है. भीड़ की वजह से उन यात्रियों की भी जान आफत में है जो लोग ट्रेन में सवार हो चुके हैं और वह लोग भी बेहाल हैं जो भीड़ की वजह से ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे हैं.
ट्रेन की सीढ़ी पर बैठकर जा रहे लोग
पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में कानपुर से पुरी की यात्रा कर रहे नेपाल निवासी मुकेश बताते हैं कि हम नेपाल से आए हैं. जगन्नाथ पुरी धाम जा रहे हैं. हम कानपुर से ट्रेन में सवार हुए हैं. ट्रेन में भीड़ बहुत ज्यादा है, बहुत दिक्कत है लेकिन भगवान के लिए जा रहे हैं. इसी कोच के दरवाजे पर लटक कर यात्रा कर रहे सतीश पांडे नाम के यात्री बताते हैं कि हमको डेहरी ऑन सोन जाना है. ट्रेन के गेट पर झूल कर जा रहे हैं. यह बहुत खतरनाक है लेकिन मजबूरी है कि इसके बाद कोई ट्रेन नहीं मिलेगी.आखिर क्या किया जा सकता है. मेला के भीड़ है और बहुत दिक्कत हो रहा है. दरवाजे की सीढ़ी पर बैठकर यात्रा कर रहे एक यात्री बताते हैं कि भीड़ बहुत है अंदर जगह नहीं मिल रही है. इसलिए मजबूरी में यात्रा कर रहे हैं.