महाराष्ट्र की राजनीति लगातार करवट ले रही है. एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की शपथ ले ली है. वहीं अब तक देवेंद्र फडणवीस जिनके बाहर से सपोर्ट करने की बात सामने आ रही थी उन्हें भी कैबिनेट में शामिल कर लिया गया है. राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी इस पर मुहर लगाई.
इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम पद का ऐलान करते हुए फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी बल्कि शिंदे सरकार को बाहर से समर्थन देगी.
उद्धव ठाकरे की सरकार से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस का शुक्रिया अदा किया है. एकनाथ शिंदे ने कहा कि फडणनवीस ने बड़ा दिल दिखाया है और बड़ी पार्टी का नेता होते हुए भी शिवसेना को सीएम की कुर्सी ऑफर कर दी. शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ाने का वादा करते हुए महाराष्ट्र में विकास करने वाली सरकार चलाने का भरोसा दिया.
कौन हैं एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार के नगरविकास मंत्री थे. साल 1997 में शिंदे को शिवसेना ने ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट दिया था, जिसमें उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद से शिंदे ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीति में आगे बढ़ते गए. पार्टी ने जहां से, जिस चुनाव में खड़ा किया... शिंदे को जीत हासिल हुई.
राजनीति में आने से पहले ऑटो चलाते थे एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. शिंदे मराठी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की और बाद में ऑटो चलाने लगे. कुछ साल ऑटो चलाने के बाद वह शिवसेना से जुड़े और एक आम कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे. इसके बाद उन्होंने हर चुनाव में जीत हासिल की. इसी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बेहद करीबी माना जाता था.
पार्टी से जुड़े कई आंदोलनों में आगे रहे हैं शिंदे
एकनाथ शिंदे ठाणे की कोपरी-पंचपखाड़ी सीट से साल 2004 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके बाद साल 2004 में शिवसेना के टिकट से वह पहली बार विधानसभा पहुंचे. समय बीतता गया और शिंदे राजनीति में अपने पैर जमाते गए. इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी वह लगातार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. शिंदे पार्टी की तरफ से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर कई आंदोलनों में सबसे आगे रहे. वह पार्टी की कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं.