पिछले तीन माह से कपास, सोयाबीन, चने की फसल को उचित दाम न मिलने के कारण बहुत से किसानों की फसल घरों में ही पड़ी है. दूसरी तरफ, बहुत से किसान परेशान हैं क्योंकि अब प्याज को भी सही दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में, महाराष्ट्र में नांदेड़ जिले के चांडोला गांव में एक किसान ने मिसाल पेश की है. दरअसल, किसान शिवाजी तमशेट्टे ने अपनी पारंपरिक फसल के साथ कैश क्रॉप, अमेरिकी चिया बीज भी लगाया था.
आपको बता दें कि चिया बीज की फसल किसानों के लिए एक सस्ती फसल है. उन्होंने ढाई एकड़ में 20 हजार रुपए की लागत से चिया बीज लगाए थे. अब उन्होंने 11 क्विंटल की उपज ली है और वर्तमान में चिया बीज कीमत 70 हजार रुपये प्रति क्विंटल है.
पारंपरिक फसलों में नहीं हो रही थी कमाई
किसान शिवाजी तमशेट्टे के पास कुल आठ एकड़ कृषि योग्य भूमि है. वह पिछले कई साल से खेती कर रहे हैं. पिछले साल उन्होंने सात एकड़ में चना लगाया था. इसके लिए उन्होंने 65 हजार रुपए खेती पर खर्च किए थे. इससे 90 हजार की आय हुई. अपेक्षित मूल्य नहीं मिलने से किसान शिवाजी तमशेट्टे तंग आ गए थे. उन्होंने हार मानने की बजाय कुछ अलग करने का फैसला किया.
यूट्यूब पर अक्सर वह नए-नए आइडियाज देखते थे. एक वीडियो से उन्हें अमेरिकन चिया सीड्स लगाने का आइडिया आया. इससे उन्हें जानकारी मिली कि भारत में यह फसल कहां उगाई जाती है. उन्होंने मध्य प्रदेश से साढ़े सात किलो बीज 1400 रुपये प्रति किलो खरीदा. इस फसल की खेती सोयाबीन, मूंग आदि के जैसे ही की जाती है.
कम लागत में ज्यादा उत्पादन
शिवाजी के मुताबिक, इस फसल को किसी तरह के केमिकल उर्वरक की ज्यादा जरूरत नहीं होती है. अगर जमीन सामान्य है तो सात से आठ बार पानी देने की जरूरत है. उन्होंने इस खेती पर 20 हजार रुपए खर्च किए थे. साथ ही, यह वनस्पती पौधा होने के कारण हिरण, जंगली सूअर और अन्य जानवर इसे नहीं खाते हैं और इसके अलावा इस पर कोई खास बीमारी नहीं लगती है.
किसान शिवाजी तमशेट्टे ने कहा कि इस साल कीमत 700 रुपये प्रति किलोग्राम और 70,000 रुपये प्रति क्विंटल है. इस ढाई एकड़ की उपज से उन्हें 5 लाख़ 60 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है और अगस्त से दिसंबर तक चिया सीड्स की कीमत और बढ़ जाती है.
मेडिकल सेक्टर से भी है इस्तेमाल
शिवाजी कहते हैं कि किसानों को चिया बीज की खेती करनी चाहिए. किसानों को खेती के लिए 700 रुपए प्रति किलो बीज दिया जा रहा है. पिछले साल, हैदराबाद के बाजार में फसल 1 लाख रुपये प्रति क्विंटल तक बिकी थी. "चिया सीड" का उपयोग मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग और सौंदर्य उपचार में भी किया जाता है.
इसलिए दवा कंपनियों की तरफ से इसकी डिमांड ज्यादा है. इसके अलावा, इन बीजों का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी किया जाता है. इस बारे में एक मरीज जयवंत बोयनेर ने कहा कि एक महीने पहले तक उनका वजन 95 किलो था और उन्हें चलने में दिक्कत हो रही थी. कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. तब एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने पानी में भिगोकर चिया सीड्स खाना शुरू किया. इससे काफी जल्दी उनका वजन दो से तीन किलो कम हो गया और अब उनका वजन 86 किलो है.
(नांदेड़ से कुवरचंद मंडले की रिपोर्ट)