दुनियाभर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से दिन प्रति दिन ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा भी बढ़ रहा है. कोयला, गैस और अलग-अलग ऊर्जा स्रोतों की वजह से वातावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से पृथ्वी का क्लाइमट भी बदल रहा है, जिसकी वजह से मनुष्यों पर भी खतरा बदता जा रहा है. वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल बढ़ जाने से वातावरण और पृथ्वी को बहुत नुकसान हो रहा है. वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी लोगों के लिए एक बड़ा चिंता का सबब है. ऐसे में लोगों को प्रदूषण की चपेट से बचाने के लिए सरकारें अलग-अलग तरीक़े अपना रही हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए एक नया तरीक़ा अपनाया है
स्वच्छ गतिशीलता और नागरिकों को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2022 के बजाय अब 1 जनवरी 2022 से सरकारी / शहरी स्थानीय निकायों / निगमों के लिए केवल इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने या किराए पर लेने के फैसले को लागू करने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र ईवी नीति 2021 के मुताबिक, "इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने से स्थिरता लक्ष्यों की एक विस्तृत श्रृंखला में योगदान होगा."
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का लक्ष्य
इनमें बेहतर वायु गुणवत्ता, कम ध्वनि प्रदूषण, बढ़ी हुई ऊर्जा सुरक्षा और कम ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन शामिल हैं. चूंकि वाहनों से होने वाला प्रदूषण महाराष्ट्र में वायु प्रदूषण का एक बढ़ता स्रोत है. साथ ही गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण शहरों में कण प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसलिए शून्य-टेलपाइप-उत्सर्जन वाहनों को तेजी से अपनाना आवश्यक है. राज्य का लक्ष्य है कि 2025 तक 15 प्रतिशत महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की बसों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाए.
राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी जुलाई 2021 में पेश की गयी थी। इस नीति के तहत राज्य सरकार, शहरी स्थानीय निकाय और नगर निगम में खरीदी जानी वाली या किराए पर ली जाने वाली गाड़ियां अब सिर्फ इलेक्ट्रिक होंगी. इस नीति के तहत राज्य सरकार 2025 तक राज्य में सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य बनाया है.