
कोरोना महामारी का कहर अब कम होता नजर आ रहा है. जिसके चलते लगभग सभी राज्य सरकारें अब लॉकडाउन हटा चुकी हैं. लेकिन महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां कोरोना चरम पर था, वहां अब सभी चीजों पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं हटी थी. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अब कोरोना के कारण लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है. बता दें कि ये प्रतिबंध पूरे बीस महीने बाद हटाए गए हैं. जिससे महामारी के दिनों से पहले की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल और मनोरंजन गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगी.
पूर्ण टीकाकरण करता है अनिवार्य
पांच पेज के एक आदेश में मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने कहा कि ढील के हिस्से के रूप में, कोरोना नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. सरकार ने फैसला किया है कि केवल पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आवाजाही करने की अनुमति होगी. साथ ही मॉल, दुकानों, प्रतिष्ठानों, टिकट वाले या गैर-टिकट कार्यक्रम, सार्वजनिक समारोहों में प्रवेश के लिए पूर्ण टीकाकरण अनिवार्य होगा. किसी भी अंतरराष्ट्रीय गंतव्य से महाराष्ट्र के लिए सभी उड़ान केंद्र सरकार के नियमों द्वारा शासित होंगी. हालांकि सभी घरेलू उड़ानों नें यात्रियों को पूरी तरह से टीका लगाया जाना अनिवार्य या 72 घंटे की वैधता के साथ आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट ले जानी जरूरी होगी.
समारोह में उपस्थिति को लेकर जारी रहेंगे प्रतिबंध
पहले की तरह, बंद जगहों पर आयोजित होने वाले सिनेमाघर, थिएटर, विवाह समारोह, सम्मेलन आदि के लिए केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति रहेगी, वहीं खुले आसमान के नीचे होने वाले कार्यक्रमों में केवल 25 प्रतिशत लोगों को अनुमति होगी. यदि इस तरह के आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 1,000 से अधिक है, तो आयोजकों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सूचित करना चाहिए जो कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारियों को भेजेगा, और यदि इसका उल्लंघन किया जाता है तो वे आंशिक या पूर्ण स्थल को बंद करने का आदेश दे सकते हैं.
कोरोना नियमों का पालन करना है जरूरी
सभी लोगों को कोविड-19 मानदंडों का पालन करना होगा जैसे फेस-मास्क पहनना, कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखना, स्वच्छता सुनिश्चित करना, बार-बार हाथ धोना और इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही वो सभी प्रतिष्ठान जो अपने मेहमानों को इन मानदंडों को लागू करना सुनिश्चित नहीं करते हैं, उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, या अन्यथा इसका उल्लंघन करने पर आपदा मानदंड लागू होने तक बंद करने का आदेश दिया जाएगा. सार्वजनिक परिवहन जैसे बसों या टैक्सियों में चालक, कंडक्टर आदि के साथ 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि ऑपरेटरों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, या आपदा मानदंड लागू रहने तक लाइसेंस वापस ले लिया जाएगा.