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फारसी कारोबारी ने बनवाया था Mahmud Gawan Madrasa, जानिए 550 साल पुराने मदरसे की भव्यता

Mahmud Gawan Madrasa: कर्नाटक स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद में दशहरा के दिन एक भीड़ के द्वारा अंदर परिसर में घुसने पर विवाद खड़ा हो गया है. जानिए प्राचीन महमूद गवन मदरसा का क्या है इतिहास और पूरे मामले पर पुलिस का क्या है कहना.

Mahmud Gawan Madrasa Bidar Karnataka (Photo- Wikipedia) Mahmud Gawan Madrasa Bidar Karnataka (Photo- Wikipedia)
हाइलाइट्स
  • पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया

  • मस्जिद में प्रवेश करने के लिए ताला नहीं तोड़ा गया-पुलिस

कर्नाटक के बीदर जिले में एक ऐतिहासिक मस्जिद में दशहरा के मौके पर जुलूस निकाल रहे लोगों की भीड़ परिसर में प्रवेश कर गई. जिससे अशांति का माहौल बन गया. वहीं पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और चार को गिरफ्तार किया है. जबकि पांच फरार बताए जा रहे हैं.

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि घटना गुरुवार 6 अक्टूबर की मध्यरात्रि 2 बजे की है. आरोप है कि कुछ शरारती तत्व पुरातत्व स्मारक महमूद गेवान मदरसा और मस्जिद में ताला तोड़कर और सुरक्षाकर्मी को धमकी देकर अवैध तरीके से घुस गए.

पुलिस का क्या है कहना?

हालांकि पुलिस अधीक्षक डेक्का किशोर बाबू ने बताया कि निजाम काल से ही दशहरा के दौरान पूजा करने का यह नियमित अभ्यास है. मस्जिद परिसर के अंदर एक मीनार है. आमतौर पर 2-4 लोग आते हैं, लेकिन इस बार लोगों की संख्या अधिक थी. उन्होंने कहा कि मस्जिद में प्रवेश करने के लिए ताला नहीं तोड़ा गया है.

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इस मामले पर कहा कि ऐसा बताया गया है कि मदरसे के पास एक पेड़ था, जहां हर साल पूजा की जाती थी. यह पूजा कई सालों हो रही थी. इस घटना के बारे में मेरे पास अधिक जानकारी नहीं है. विभाग से इस मामले पर जानकारी लूंगा.

मदरसे का क्या है इतिहास?

बता दें कि जिस मदरसे के परिसर में भीड़ घुसी, इसे बीदर के महमूद गवां मदरसा के नाम से जाना जाता है. 1460 में बना यह मदरसा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत आता है और यह राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सूची में शामिल है. ये मदरसा बहमनी सल्तनत के तहत इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की क्षेत्रीय शैली का एक उदाहरण है. कहा जाता है कि मदमूद ने मदरसे का निर्माण अपने पैसे से किया था, जोकि एक आवासीय विश्वविद्यालय की तरह काम करता था. जिसे खुरासान के मदरसा की तर्ज पर बनाया गया था. मदरसा की भव्य और विशाल इमारत को एक वास्तुशिल्प रत्न और बीदर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है.