
बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइंसेज, लखनऊ के एक रिसर्च ग्रुप ने हाल ही में राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित गुरहा लिग्नाइट खदान से एक फोससिल लीफलेट (जीवाश्म पत्रक) प्राप्त किया है. मॉर्फोलॉजी के आधार पर, यह जीवाश्म आधुनिक महोगनी पौधे के जीनस के समान है. रिसर्चर्स की स्टडी कहती है कि भारत में महोगनी के पूर्वज कम से कम 56 मिलियन वर्ष यानी कि 5 करोड़ साल से भी ज्यादा पुराने हैं.
उनकी रिसर्च का यह भी कहना है कि पहले महोगनी भारत के साथ-साथ उत्तर और दक्षिण अमेरिका में भी था. हालांकि, प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण यह भारतीय उपमहाद्वीप से विलुप्त हो गया था. फिर महोगनी को 19वीं शताब्दी में भारत लाया गया और तब से, यह भारतीय सदाबहार से अर्ध-सदाबहार वनों का हिस्सा बन गया है.
महोगनी की खेती बना सकती है मालामाल
आपको बता दें कि स्वेतेनिया को भारत में आमतौर पर महोगनी कहा जाता है. और आर्थिक रूप से यह बहुत महत्वपूर्ण पौधा है. यह पेड़ अपनी लकड़ी और पत्तों के औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. इसलिए आज भारत के बहुत से किसान महोगनी उगा रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महोगनी की खेती बहुत ही फायदेमंद है. बहुत से कृषि एक्सपर्ट किसानों को सामान्य खेती के साथ महोगनी के पेड़ लगाने की सलाह देते हैं. क्योंकि यह लंबा समय लेने वाली फसल है. पेड़ लगाने के लगभग 18-20 साल बाद आपको इससे कमाई मिलती है. लेकिन जानकारों का कहना है कि महोगनी की एक एकड़ की फसल भी आपको करोड़पति बना सकती है.
पर्यावरण के लिए जरूरी है महोगनी
महोगनी बड़े, अर्ध-सदाबहार पेड़ हैं जो खूब घने होते हैं. साथ ही, इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और अच्छी शेल्फ लाइफ के साथ 200 फीट ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं. महोगनी की लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है और इस पर पानी का प्रभाव नहीं पड़ता है. इसका उपयोग हाई-क्वालिटी फर्नीचर और घर बनाने में किया जा सकता है.
महोगनी के पेड़ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करते हैं. यह जलवायु के कारण होने वाली परेशानियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है और ग्लोबल वार्मिंग और इसके प्रभावों को भी कम कर सकता है. महोगनी के पेड़ सल्फर यौगिक छोड़ते हैं जो ग्रीनहाउस गैसों के कारण होने वाले वायुमंडलीय वार्मिंग को कम कर सकते हैं. साथ ही, महोगनी के पेड़ भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और मिट्टी के कटाव को रोकते हैं.
इस तरह, खेतों में किनारों पर महोगनी पेड़ लगाने से किसानों की दूसरी फसलों को भी मदद मिलती है. क्योंकि यह पानी और मिट्टी के कटाव को सीमित करता है जिससे मक्का और गेहूं जैसी फसलों का विकास अच्छा होता है.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है महोगनी
महोगनी के पेड़ की छाल से लेकर पत्ते और बीज तक, सभी चीजें फायदेमंद हैं. हेल्थ गाइड के मुताबिक, महोगनी की छाल कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी फायदे दे सकती है जैसे बुखार और मलेरिया को ठीक कर सकती है. साथ ही, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है. महोगनी की छाल से इम्यूनिटी बढ़ती है और हाइपरटेंशन का रिस्क कम होता है.
वहीं, महोगनी की पत्तियों में लाइकोपीन नामक तत्व होता है. यह एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है जो ब्लड को शुद्ध करने में मदद करता है और आंत को भी स्वस्थ रखता है. इन पत्तों के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है. महोगनी के बीजों का प्रयोग स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में किया जा सकता है.