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Mahua Moitra ‘cash for query’: जानें कैसे MP लोकसभा में पूछते हैं सवाल, क्या होते हैं नियम और कायदे कानून 

Mahua Moitra controversy: प्रश्न पूछने के लिए, एक सांसद को पहले लोअर हाउस के सेक्रेटरी जनरल को एक नोटिस देना होता है, जिसमें प्रश्न पूछने के अपने इरादे की जानकारी देनी होती है.

Mahua Moitra Mahua Moitra
हाइलाइट्स
  • होते हैं कई नियम और कायदे कानून 

  • कुल 5 प्रश्नों से ज्यादा नहीं 

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों में सुर्खियों में हैं. शुक्रवार को संसद ने कहा कि वह अपने खिलाफ 'कैश फॉर क्वेरी' आरोपों से संबंधित सीबीआई और लोकसभा आचार समिति के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं. ट्विटर (अब एक्स) पर महुआ ने पोस्ट में लिखा, "मैं सीबीआई और एथिक्स कमेटी के सवालों का जवाब देने का स्वागत करती हूं.”

बता दें सेशन के दौरान, लोकसभा आम तौर पर प्रश्नकाल से ही शुरू होती है. सांसदों को मंत्रियों से प्रश्न पूछने और उन्हें अपने मंत्रालयों के कामकाज के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए एक घंटे का समय मिलता है. हालांकि, सवाल किए पूछे जाएंगे इसका भी एक फॉर्मेट और प्रक्रिया होती है. 

क्या है प्रश्न उठाने की प्रक्रिया?

प्रश्न उठाने की प्रक्रिया को लेकर "लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम" के नियम 32 से 54 में बताई गई है. प्रश्न पूछने के लिए, एक सांसद को पहले लोअर हाउस के सेक्रेटरी जनरल को एक नोटिस देना होता है, जिसमें प्रश्न पूछने के अपने इरादे की जानकारी देनी होती है. नोटिस में आमतौर पर उस सवाल का टेक्स्ट, जिस मंत्री को प्रश्न संबोधित किया गया है उसका आधिकारिक पदनाम, वह तारीख जिस पर उत्तर चाहिए, और अगर सांसद एक से ज्यादा सवालों के लिए नोटिस देता है तो उसका सीक्वेंस लिखना होता है. 

कुल 5 प्रश्नों से ज्यादा नहीं 

एक सदस्य किसी भी दिन मौखिक और लिखित उत्तरों के लिए, कुल मिलाकर सवालों के पांच से ज्यादा नोटिस देने की अनुमति नहीं है. अगर कोई एक दिन में किसी सदस्य से पांच से ज्यादा सवाल पूछना चाहता है तो अगले दिन के लिए विचार किया जाता है. आमतौर पर, किसी सवाल के नोटिस की अवधि 15 दिन से कम नहीं होती है.

ऐसे दो तरीके हैं जिनके माध्यम से सांसद अपने सवालों के नोटिस जमा कर सकते हैं. सबसे पहले, एक ऑनलाइन “मेंबर पोर्टल” के माध्यम से. दूसरा, पार्लियामेंट्री नोटिस ऑफिस से प्रिंट फॉर्म लेकर.

क्या होता है प्रश्नों का फॉर्मेट?

ऐसे कई नियम हैं जो एक सांसद को फॉलो करने होते हैं अगर वह प्रश्न पूछना चाहते हैं.  उदाहरण के लिए, प्रश्नों में 150 शब्दों से अधिक नहीं होने चाहिए. उनमें तर्क-वितर्क, मानहानिकारक बयान नहीं होने चाहिए, उनकी आधिकारिक या सार्वजनिक क्षमता को छोड़कर किसी भी व्यक्ति के चरित्र या आचरण का उल्लेख नहीं होना चाहिए. पॉलिसी के बड़े मुद्दों को उठाने वाले प्रश्नों की अनुमति नहीं होती है. 

इनके अलावा, ऐसा कोई भी प्रश्न जो किसी अदालत या किसी दूसरे न्यायाधिकरण या कानून के तहत लंबित है, पूछने की अनुमति नहीं होती है. इसके अलावा, प्रश्न उन मामलों पर जानकारी नहीं मांग सकता जो देश की एकता और अखंडता को कमजोर कर सकते हैं.