लड़कियां लगातार आगे बढ़ रही हैं. एक बार फिर से साबित कर दिखाया है पंजाब के मोहाली की लड़कियों ने. अर्शदीप कौर सिद्धू और पल्लवी राजपूत चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में प्री-कमीशन हुई हैं. इन लड़कियों की सफलता में माई भागो सशस्त्र बल तैयारी संस्थान (Mai Bhago Armed Preparatory Defence Institute) का बड़ा हाथ है. इस संस्थान की इन दोनों महिला कैडेटों को चुना गया है. चयनित महिला कैडेट अर्शदीप कौर सिद्धू और महिला कैडेट पल्लवी राजपूत का प्रशिक्षण अक्टूबर, 2023 से शुरू किया जाएगा.
शुरू से ही जाना चाहती थीं सशस्त्र बल में
पल्लवी राजपूत पठानकोट से हैं और उनके पिता रविंदर सिंह एक किसान हैं और मां एक गृहिणी हैं. पल्लवी ने कहा कि वह साधारण पृष्ठभूमि से हैं और वह हमेशा सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सपनों को पंख तब मिले जब उनके पिता ने पहली बार उन्हें समझा और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें चंडीगढ़ भेजा. ऑल इंडिया रैंक में छठा स्थान हासिल करते हुए पल्लवी ने बताया वह पूरे समर्पण के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहती है ताकि वह देश की सर्वोत्तम सेवा कर सकें.
लड़कियों को ट्रेनिंग देता है ये इंस्टीट्यूट
अपने इंस्टीट्यूट को लेकर पल्लवी कहती हैं, ”माई भागो सशस्त्र बल तैयारी संस्थान पंजाब की उन लड़कियों को पंख दे रहा है जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहती हैं.” मोहाली में स्थित, यह संस्थान तीन साल का तैयारी पाठ्यक्रम प्रदान करता है. यह एकमात्र संस्थान है जो लड़कियों को इस तरह का प्रशिक्षण दे रहा है, अन्य लड़के हैं -केवल महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट, जो कि मोहाली में है. यहां प्रवेश पूरी तरह से पंजाब अधिवास के आधार पर होता है. यहां तक कि चंडीगढ़ की लड़की को भी यहां प्रवेश नहीं मिल सकता है.
पंजाब सरकार को दिया था प्रस्ताव
संस्थान के डायरेक्टर मेजर जनरल जे एस संधू (सेवानिवृत्त) कहते हैं, “संस्थान उन लड़कियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है जो स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद सेना, नौसेना या वायु सेना में शामिल होना चाहती हैं. हालांकि, बदली हुई स्थिति के साथ जहां एनडीए भी अब लड़कियों के लिए एक विकल्प है, संस्थान ने लड़कियों को एनडीए के लिए प्रशिक्षित करने के लिए पंजाब सरकार को एक प्रस्ताव दिया है और इसे मंजूरी भी दे दी गई है.”
28 महिला कैडेट अभी तक निकल चुकी हैं
इन दोनों महिला कैडेटों के सिलेक्शन पर खुशी जाहिर करते हुए माई भागो एएफपीआई के निदेशक रिटायर्ड मेजर जनरल जसबीर सिंह संधू ने कहा कि इस परिणाम के साथ, अब तक संस्थान की 28 महिला कैडेट विभिन्न सशस्त्र बल प्रशिक्षण अकादमियों में शामिल हो चुकी हैं. उन्होंने इन महिला कैडेटों को रक्षा सेवाओं में उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
प्रवेश पाना आसान नहीं
हालांकि, इस संस्थान में प्रवेश पाना कोई आसान काम नहीं है. प्रत्येक 25 सीटों के लिए, लगभग 1200 से 1500 उम्मीदवार उपस्थित होते हैं और कठोर परीक्षा पास करने के बाद चयन होता है. एक बार चयन हो जाने के बाद, इन लड़कियों को सशस्त्र बलों के लिए तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी होती है. पंजाब सरकार एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वुमेन में मिलने वाली शैक्षणिक शिक्षा को छोड़कर पाठ्यक्रम का सारा खर्च वहन करती है. यहां लड़कियां जिस दिनचर्या को अपनाती हैं वह काफी मुश्किल है. शारीरिक प्रशिक्षण से लेकर समूह परीक्षण कार्य तक, व्यक्तित्व को संवारने तक सब कुछ यहां किया जाता है.