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Taj Mahal के 22 कमरों का क्या है राज... क्या सच में कटवाए गए थे ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ... ऐसे ही सवालों का जानिए जवाब आप... मालदीव के राष्ट्रपति Mohamed Muizzu भी हुए इस प्रेम के प्रतीक के कायल 

Agra का Taj Mahal 42 एकड़ में फैले मुगल गार्डन के अंदर है. यमुना किनारे बसे इस इमारत को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था. ताजमहल का निर्माण साल 1632 ईस्वी में शुरू हुआ था और 1653 ईस्वी में पूरा हुआ था. 

Taj Mahal Taj Mahal
हाइलाइट्स
  • मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने ताजमहल की नक्काशी की बारीकियों के बारे में ली जानकारी 

  • प्रिंसेस डायना से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक कर चुके हैं ताजमहल का दीदार

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपनी पत्नी संग भारत पांच दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं. इस दौरान उन्होंने पत्नी संग उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताज महल का दीदार किया. राष्ट्रपति मुइज्जू ने ताजमहल की नक्काशी की बारीकियों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने प्रेम के प्रतीक ताजमहल की जमकर तारीफ की.

उन्होंने ताजमहल देखने के बाद कमेंट्स बुक में लिखा ताजमहल की खूबसूरती का वर्णन करना कठिन है, क्योंकि शब्द इसे न्याय नहीं दे सकते. मंत्रमुग्ध कर देने वाला यह स्मारक प्रेम और वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रमाण है. यह वास्तव में एक कालातीत कृति है. इस दौरान उन्होंने पत्नी के साथ डायना बेंच पर फोटो शूट कराया. आज हम आपको ताजमहल से जुड़े ऐसे फैक्ट बताने जा रहे हैं, शायद जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे.

क्या है राज डायना बैंच के पीछे
ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना से लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अपनी पत्नी के साथ ताजमहल का दीदार कर चुके हैं. यदि आप ताजमहल गए और यहां आकर डायना बेंच पर फोटो नहीं खिंचाई तो मन में मलाल जरूर रह जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस बेंच का नाम डायना बेंच कैसे पड़ा. चलिए हम बताते हैं.

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दरअसल, इस बेंच को शाहजहां ने नहीं बल्कि वायसराय लॉर्ड कर्जन ने  1907-08 में बनवाया था. ताजमहल पूरा नजर आए, इसके लिए पुराने पेड़ों को काटा गया और सेंट्रल टैंक पर चार बेच लगाई गई थी. जिसमें से पूरे ताजमहल का नजारा देखा जा सके. साल 1992 में ताजमहल देखने प्रिंसेज डायना आईं थीं और उन्होंने इसी बेंच पर बैठकर फोटो खिंचवाई थीं. जिसके बाद से ये बेंच डायना बेंच के नाम से फेमस हो गई थी. 

कहां से आए थे कारीगर
ताजमहल को केवल पर्यटन स्‍थल के रूप में देखना सही नहीं होगा. इससे जुड़े इतने रहस्य हैं जिन्हें सुन आप हैरान रह जाएंगे, तो चलिए ताजमहल से जुड़े रहस्यों के बारे में जानते हैं. ताजमहल देखने में जितना सुंदर लगता है इसे उतनी ही मेहनत से बनाया गया था. इसे बनाने में तकरीबन 20,000 कारीगर लगे थे.

राज्य के अलग-अलग इलाकों से कारीगर आए थे. यहां तक कि मध्य एशिया और ईरान के भी कारीगरों ने हाथ बंटाया था. ताजमहल के मेन आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी थे. ताजमहल की खूबसूरती में सॉलिड्स और वॉइड्स, कॉनकेव और कॉन्वेक्स और लाइट शैडो चार चांद लगाते हैं. आर्च और डोम की वजह से भी ताजमहल का निखार उभर कर आता है.

कितने सालों में बना था ताजमहल
ताजमहल 42 एकड़ में फैले मुगल गार्डन के अंदर है. यमुना किनारे बसे इस इमारत को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था. ताजमहल का निर्माण साल 1632 ईस्वी में शुरू हुआ था और 1653 ईस्वी में पूरा हुआ था. मतलब कि इसे बनने में लगभग 22 सालों का समय लगा था. इसका गुंबद और मकबरा बनाने में 15 साल का वक्त लगा था, जबकि मीनारें, मस्जिद और दरवाजे 5 साल में तैयार हो गए थे.

क्या सच में कटवाए गए थे ताजमहल बनाने वालों के हाथ
इतिहासकारों के मुताबिक शाहजहां ने कभी भी ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ काटने का आदेश नहीं दिया था बल्कि शाहजहां ने मजदूरों को जिंदगीभर वेतन देने का वादा किया था. tajmahal.org.uk के मुताबिक ताजमहल की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 32 करोड़ रुपए के लगभग आई थी.

कहां है मुमताज की असली कब्र
बादशाहनामा के लेखक अब्दुल हामिद लाहौरी साहब के मुताबिक शाहजहां की प्रेयसी मुमताज महल की जब जून 1631 को प्रसव के दौरान मौत हो गई तो उसे मध्य प्रदेश के बुहरानपुर जिले की जैनाबाद तहसील में ही दफना दिया गया था. बाद में जैनाबाद से मुमताज के जनाजे को एक विशाल जुलूस के साथ आगरा ले जाया गया और ताजमहल के गर्भगृह में दोबारा दफना दिया गया. 

कहां से आया था ताजमहल बनने के लिए संगमरमर
सफेदी के लिए प्रसिद्ध मकराना के मार्बल को विश्व की सबसे उत्कृष्ट श्रेणी में गिना जाता है, जो कि राजस्थान के मकराना से आया था. ताजमहल के निर्माण में लाल पत्थर, सफेद मार्बल, पीतल, सोना, नीलम, मोती, मकरानी पत्थर और अन्य रत्नों का उपयोग किया गया है. ताजमहल भारत की प्रमुख धरोहर स्थलों में से एक है.

क्या है ताजमहल के 22 कमरों का राज
ताजमहल अपनी खूबसूरती के साथ साथ 22 बंद कमरों की वजह से भी चर्चा में बना रहता है. ताजमहल के तहखाने में जो 22 कमरे हैं, उनमें 4 कमरे बड़े हैं और 18 कमरे छोटे हैं. इसके अलावा हर कमरे में जाने का रास्ता बिल्कुल अलग है. यानी एक कमरे के जरिए दूसरे कमरे में नहीं जा सकते हैं. 

क्या सच में है कोई काला ताजमहल
काला ताजमहल मध्य प्रदेश के शहर बुरहानपुर में मौजूद है. माना जाता है कि मुगल सम्राट शाहजहां ने काला ताजमहल देखने के बाद से ही आगरा में ताजमहल बनवाया था.