बिहार पुलिस ने एसआई परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं, कुल 1275 एसआई अभ्यर्थी चयनित हुए और इस परीक्षा में सफल हुए. यह बिहार के लिए गौरव का क्षण है. बिहार की एक ट्रांस महिला माधवी मधु ने बिहार पुलिस दरोगा परीक्षा में सफलता हासिल की और देश की पहली ट्रांस महिला दरोगा बनेंगी.
बिहार के बांका की 23 वर्षीय ट्रांस महिला मधु के लिए, राज्य के प्रांतीय पुलिस बल में सब-इंस्पेक्टर बनने की राह मुश्किलों से भरी थी. लिंग भेदभाव के अलावा, उन्हें मेडिकल परेशानियों से भी जूझना पड़ा - दो साल पहले हुई एक सर्जरी के कारण वह छह महीने तक तैयारी नहीं कर पाई थीं.
ट्रांस समुदाय की बड़ी सफलता है यह
मधु उन तीन ट्रांस लोगों में से एक हैं, जिन्होंने राज्य में एसआई पदों बिहार पुलिस अधीनस्थ चयन आयोग (बीपीएसएससी) परीक्षा उत्तीर्ण की. यह बिहार के ट्रांस समुदाय के लिए पहली सफलता है.
आपको बता दें कि मधु प्रसिद्ध दरोगा गुरु शिक्षक की शिष्या हैं जिन्हें गुरुकुल संस्थान के संस्थापक गुरु रहमान के रूप में जाना जाता है. यह समाज के लिए बहुत बड़ी मिसाल थी जब गुरु रहमान ने अपने संस्थान में ट्रांस उम्मीदवारों को पढ़ाने का फैसला किया.
जहां अन्य संस्थान ट्रांस छात्रों को प्लेटफॉर्म नहीं देते हैं, वहीं गुरु रहमान लोगों के लिए प्रेरणा है. गुरु रहमान का कहना है कि मधु ने उत्पाद शुल्क विभाग की कांस्टेबल परीक्षा की लिखित परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी, लेकिन सर्जरी के कारण वह मेडिकल टेस्ट में शामिल नहीं हो सकी थी.
कानूनी लड़ाई से मिला है यह मौका
इस साल परीक्षा देने वाले 6,788 उम्मीदवारों में से 1,275 उम्मीदवार - 822 पुरुष, 450 महिलाएं और तीन ट्रांस लोग - एसआई पदों के लिए योग्य हुए. सफल उम्मीदवारों में से 275 अनुसूचित जाति से, 238 ईबीसी से, 100 ओबीसी से - 87 महिलाओं सहित - 11 ईडब्ल्यूएस और 16 अनुसूचित जनजाति से थे. मधु के अलावा, दो अन्य 24 वर्षीय ट्रांस लोग-सीतामढ़ी के रोहित झा और मुजफ्फरपुर के बंटी कुमार- परीक्षा के लिए योग्य हुए. इन तीनों ने ही वंचितों के लिए गुरु रहमान के कोचिंग सेंटर से कोचिंग ली थी.
ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रेशमा प्रसाद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पटना उच्च न्यायालय ने फरवरी 2021 में राज्य सरकार को बिहार के प्रत्येक जिले में ट्रांस लोगों के लिए एक एसआई और चार कांस्टेबल पद सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. पिछले साल हुए बिहार जाति सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में 40,827 ट्रांस लोग हैं. मधु को अपनी उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है, जिसे वह लिंग भेदभाव को कम करने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखती हैं.