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Marathi Language Day: देश की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है मराठी, जानिए क्यों मनाते हैं यह दिन

Marathi Language Day, मराठी की विरासत का जश्न मनाने का दिन है। यह प्रसिद्ध मराठी नाटककार और कवि वीवी शिरवाडकर की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हें उनके कलम नाम कुसुमाग्रज / कुसुमाग्रज के नाम से जाना जाता है

Marathi Language Day Marathi Language Day
हाइलाइट्स
  • मराठी में 42 अलग-अलग बोलियां हैं

  • अब देवनागरी लिपि में लिखी जाती है मराठी

मराठी भाषा दिवस हर साल 27 फरवरी को प्रसिद्ध मराठी कवि विष्णु वामन शिरवाडकर की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें 'कुसुमाग्रज' के नाम से जाना जाता था. यह दिन मराठी साहित्य की महानता को पहचानने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. मराठी भाषा में सभी आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं का सबसे पुराना साहित्य शामिल है, जो लगभग 900 ईस्वी से है.

1999 में कुसुमाग्रज के निधन के बाद सरकार ने 'मराठी राजभाषा गौरव दिवस' मनाना शुरू किया. मराठी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए पहल करने वाले व्यक्तियों के लिए दो विशेष पुरस्कार भी शुरू किए गए. आज इस खास दिन पर जानिए मराठी भाषा के बारे में कुछ रोचक तथ्य.

मराठी भाषा से जुड़े तथ्य

1. लगभग 90 मिलियन वक्ताओं के साथ हिंदी और बंगाली के बाद मराठी भारत में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. मराठी दुनिया की पंद्रहवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. 

2. मराठी में 42 अलग-अलग बोलियां हैं जैसे अहिरानी, ​​खानदेशी, वरहादी/वैदर्भी, ज़दी बोली, मालवानी और तंजौर मराठी आदि. 

3. मराठी भाषा को आज देवनागरी लिपि में लिखा जाता है. हालांकि, मराठी भाषा की भी अपनी लिपि है, जिसे मोदी लिपि कहा जाता है. आपको बता दें कि यहां पीएम मोदी नहीं बल्कि मोदी लिपि की बात हो रही है. 

4. इस प्राचीन मोदी लिपि को संरक्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा इंडिया पोस्ट की 'माई स्टैम्प' नामक योजना के तहत एक डाक टिकट जारी किया गया था. 

5. आपको बता दें कि सबसे पहले पाए गए मराठी ग्रंथ 11वीं शताब्दी के हैं. वे तांबे और पत्थर की प्लेटों पर मोदी लिपि में शिलालेख हैं.

6. मराठी, प्राकृत और पाली भाषा से अपना वाक्य-विन्यास (Syntex) और व्याकरण (Grammer) प्राप्त करता है. आज हम जो मराठी बोलते और सुनते हैं, वह विभिन्न शताब्दियों में परिवर्तन के दौर से गुजरी है. मराठी के कुछ पुराने नामों में महाराष्ट्री, मरहट्टी आदि शामिल हैं.