
अगर आपने अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है! दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और तीन महीने के भीतर शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने शादी रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का आदेश दिया था, लेकिन आज तक इसे सही तरीके से लागू नहीं किया गया है.
अब सवाल उठता है कि शादी रजिस्टर करवाना क्यों जरूरी है? अगर कोई दंपति अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है, तो इसका क्या नुकसान हो सकता है? और इसे कैसे बनवाया जा सकता है?
हाईकोर्ट ने क्यों जताई नाराजगी?
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला" है कि सुप्रीम कोर्ट के 2006 के आदेश को पूरी तरह लागू नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा, “यह बेहद दुखद है कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं कर रहे हैं. यह चौंकाने वाला है!"
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
इस मामले में याचिकाकर्ता आकाश गोयल ने दलील दी कि मौजूदा शादी रजिस्ट्रेशन कानूनों में कई खामियां हैं, जिससे आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. उन्होंने बताया कि शादी का रजिस्ट्रेशन आज भी सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, जिससे कानूनी और सरकारी कार्यों में बाधाएं आती हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 21 अप्रैल 2014 को "दिल्ली (अनिवार्य विवाह पंजीकरण) आदेश, 2014" जारी किया था. इसके मुताबिक, शादी के 2 महीने के अंदर सभी को मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना जरूरी है.
अब हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को तीन महीने का समय दिया है ताकि शादी का पंजीकरण आसान और अनिवार्य बनाया जा सके.
अगर आप शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते, तो क्या नुकसान होगा?
GNT डिजिटल ने दिल्ली पटेल नगर एसडीएम नितिन शाक्य से इसे लेकर बात की. SDM नितिन शाक्य के मुताबिक, अगर कोई रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है तो उसे कई सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का फायदा नहीं मिलता है. अगर किसी भी कारण से तलाक या संपत्ति विवाद होता है, तो शादी का पंजीकरण न होने पर समस्या हो सकती है. अगर शादी रजिस्टर्ड नहीं है, तो भविष्य में बच्चों के दस्तावेज बनाने में मुश्किल आ सकती है.
इसके अलावा, कई देशों में वीजा अप्लाई करने के लिए शादी का प्रमाण पत्र जरूरी होता है.
कैसे बनवा सकते हैं शादी का रजिस्ट्रेशन?
SDM नितिन शाक्य कहते हैं, “तीन बेसिस पर रजिस्ट्रेशन होता है. एक अगर शादी की जगह दिल्ली है तो कपल अपने इलाके के एसडीएम ऑफिस में जाकर रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. दूसरा, अगर इस टाइमलाइन के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है. फिलहाल रजिस्ट्रेशन की फीस 500 रुपये है, जो 2500 तक बढ़ सकती है अगर कोई 60 दिन में अप्लाई नहीं करता है.”
अगर आप शादी का रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया को फॉलो करना होगा.
शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने की प्रक्रिया
इसके लिए आपके पास जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए. जैसे पति और पत्नी का आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र, शादी का निमंत्रण पत्र (अगर उपलब्ध हो), शादी की तस्वीरें और दो गवाहों के पहचान पत्र.
भारत में शादी का पंजीकरण कौन-कौन से कानूनों के तहत होता है?
शादी का रजिस्ट्रेशन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि कानूनी सुरक्षा का एक अहम दस्तावेज है. इसलिए अगर आपने अभी तक अपनी शादी का प्रमाण पत्र नहीं बनवाया है, तो जल्द ही यह काम पूरा कर लें.